उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक भीषण गर्मी की मार, बिजली की मांग में हुई भारी वृद्धि
देहरादून, पारे में उछाल के साथ उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में लू के थपेड़े बेहाल कर रहे हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक भीषण गर्मी महसूस की जा रही है। ज्यादातर इलाकों में में तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है। देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य मैदानी इलाकों में अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं है। इस दौरान पारा चढऩे के साथ ही मैदानों में लू चल सकती है। हालांकि, ताजा पश्चिमी विक्षोभ के शनिवार शाम तक उत्तराखंड में दस्तक देने की उम्मीद है। जिसके चलते रविवार को पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है।
मार्च के बाद अप्रैल भी लगभग सूखा बीतने के चलते समूचा प्रदेश भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहा है। अप्रैल में अब तक तापमान बीते 13 वर्ष का रिकार्ड तोड़ चुका है और आल टाइम रिकार्ड की बराबरी को अग्रसर है। मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवा के थपेड़ों से जनजीवन प्रभावित है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार से उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में गरज के साथ बौछार और ओलावृष्टि होने की आशंका है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने के साथ ही झोंकेदार गर्म हवाएं चल सकती हैं।
गर्मी के कारण बिजली की मांग में भारी वृद्धि
उत्तराखंड में बिजली संकट बना हुआ है। गर्मी के कारण बिजली की मांग में भारी वृद्धि हुई है, जबकि उपलब्धता मांग के अनुरूप नहीं है। बाजार से बिजली खरीद के बावजूद बिजली की कमी बनी हुई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों में दो से ढाई घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कटौती में कमी आई है।
शुक्रवार को अनुमानित स्थिति
प्रदेश में कुल अनुमानित मांग-47.49 एमयू(मिलियन यूनिट)
राज्य के उत्पादन व केंद्रीय पूल से कुल विद्युत की उपलब्धता-30.92 एमयू
बाजार से की गई विद्युत खरीद-13.90 एमयू
कुल कमी-2.67 एमयू
उत्तराखंड ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कोयले के दाम में वृद्धि के कारण बाजार में बिजली महंगी हो गई है। जबकि, गर्मी बढऩे से बिजली की मांग खासी बढ़ गई है। ऐसे में मांग और उपलब्धता में भारी अंतर आ रहा है। बाजार से खरीद के बावजूद बिजली की कमी बनी हुई है। इसके चलते ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में कटौती करनी पड़ रही है। संकट की इस घड़ी में उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि बचत के साथ बिजली का उपयोग करें।
चमोली में बदरीनाथ हाईवे पर गिरी चट्टान
बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार को चौड़ीकरण कार्य के दौरान पहाड़ से अचानक चट्टान गिरने से मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। चौड़ीकरण कार्य में लगे मजदूरों ने भागकर जान बचाई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया। इससे हाईवे करीब तीन घंटे तक बंद रहा। बाद में काफी मशक्कत के बाद यहां से मलबा हटाकर मार्ग पर आवाजाही शुरू हो सकी।
बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ और पांडुकेश्वर के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से हाईवे चौड़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। गुरुवार को दिन में करीब साढ़े तीन बजे जोशीमठ और पांडुकेश्वर के बीच बलदौड़ा के पास भारी चट्टान सड़क पर आ गिरी। इससे वहां कार्य में जुटे मजदूरों ने भागकर जान बचाई।
वहीं इससे मार्ग चौड़ीकरण का कार्य भी बाधित हो गया। बाद में मजदूरों ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद चट्टान को हटाकर मार्ग पर आवाजाही सुचारू की।