14 मई के बाद महाराष्ट्र के सीएम को करेंगे एक्सपोज, लगाए कई गंभीर आरोप: देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र कीराजनीति में एक बार फिर से अयोध्या के विवादित ढांचे बाबरी मस्जिद की गूंज सुनाई दे रही है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की गठबंधन सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा है कि आज जो लोग मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने से डरे हुए हैं वो कहते थे कि हम बाबरी मस्जिद को गिराने में साथ थे। उन्होंने कहा कि ये लोग डरे हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जिस वक्त विवादित ढांचे को ढहाया गया उस वक्त वहां पर कोई भी शिव सेना का नेता मौजूद नहीं था। फडणवीस ने कहा है कि वो 14 मई के बाद उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा खुलासा करेंगे।
बूस्टर डोज रैली को किया संबोधित
राज्य के पूर्व सीएम ने सोमैया ग्राउंड में हुई बूस्टर डोज रैली को संबोधित करते हुए राज्य सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि वो इस विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं मानते हैं, वो केवल एक ढांचा मात्र था। फडणवीस ने कहा कि कुछ लोग ये मानते हैं उनका निरादर करना पूरे राज्य का निरादर है। लेकिन हकीकत ये है कि वो कुछ लोग राज्य नहीं हैं। न ही वो मराठी हैं, बल्कि यहां के 12 करोड़ लोग राज्य हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि लोग उन्हें हिंदू भी नहीं मानते हैं। हालांकि, वो इस बात को नहीं कह सकते हैं।
राज्य के मंत्री जेल में, सरकार के लिए शर्म की बात
राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और नवाब मलिक का जिक्र करते हुए वो जेल में हैं। इससे पहले वो वर्क फ्राम होम कर रहे थे और अब वो वर्क फ्राम जेल कर रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि शिव सेना की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में हैं। उनके दो नेता जेल में हैं जो बेहद शर्म की बात है। इससे भी खराब बात ये है कि सरकारी फैसलों में वो जेल में बंद अपने मंत्री के फोटो दिखा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे को करेंगे एक्सपोज
उन्होंने ये भी कहा कि 14 मई के बाद वो राज्य सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे को लेकर खुलासा करेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि मौजूदा समय में जो पत्रकार राज्य सरकार के खिलाफ लिखने की कोशिश करता है उनके ऊपर हमले किए जा रहे हैं। सरकार पेट्रोल और डीजल पर कर कम करने को तैयार नहीं है, जिससे राज्य के आम लोगों को राहत दी जा सके। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार बार मालिकों और बिल्डरों के हितों के लिए काम करती है। ये सरकार प्रो एल्कोहल है। ये सरकार बार को खोलने की मंजूरी देती है। इसके लिए वो विदेशी शराब की कीमतों में कमी करती हे।