अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उपस्थिति में PM मोदी ने जापान की धरती से चीन को दिया ये कड़ा संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान की धरती से चीन को कड़ा संदेश दिया। मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है।

जापान की धरती से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को साफ और कड़ा संदेश दिया है।

जापान की धरती से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को साफ और कड़ा संदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उपस्थिति में मोदी ने कहा, भारत हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेषी बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है। भारत सहयोगी देशों के साथ आर्थिक संबंध मजबूत कर क्षेत्र में सतत विकास, शांति और संपन्नता का माहौल बनाने में विश्वास रखता है।

चीन को नजदीक से घेरने की तैयारी

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात सोमवार को इंडो-पैसीफिक इकोनोमिक फ्रेमवर्क फार प्रोस्पेरिटी (आइपीईएफ) अभियान की शुरुआत के मौके पर कही। अभियान की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने की है। इसमें भारत और अमेरिका सहित कुल 12 देश शामिल हैं। आर्थिक ताने-बाने से चीन को नजदीक जाकर घेरने की तैयारी हो चुकी है।

भारत निभाएगा मुख्य भूमिका

अमेरिका ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने और डिजिटल ट्रेड को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान को इंडो-पैसीफिक इकोनोमिक फ्रेमवर्क फार प्रोस्पेरिटी का नाम दिया गया है। चीन की आक्रामक व्यापार नीति का जवाब माने जा रहे इस अभियान में भारत के साथ आस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम हैं। जाहिर है इनमें सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश भारत की मुख्य भूमिका होगी।

मिलकर करना होगा चुनौतियों का सामना

समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आइपीईएफ के जरिये हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक आर्थिक प्रगति का नेतृत्व करेगा। सही मायने में इसमें शामिल 12 सदस्य देश दुनिया के आर्थिक विकास का इंजन बनेंगे। इसके लिए हमें मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत हो रही चुनौतियों का सामना करना होगा, अपनी पारदर्शी और नियमबद्ध कार्यशैली से उन चुनौतियों को खत्म करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आइपीईएफ के सभी सहभागी देशों के साथ समावेषी और लचीला रुख अपनाने और साथ चलने का संकल्प व्यक्त किया।

सुझाया 3टी का फार्मूला

पीएम मोदी ने इसके लिए 3 टी फार्मूले पर कार्य करने की जरूरत बताई। 3 टी फार्मूला-ट्रस्ट, ट्रांसपैरेंसी और टाइमलीनेस का है। मोदी ने कहा, परस्पर विश्वास, पारदर्शिता और समयबद्ध कार्यशैली अपनाकर किसी भी चुनौती को खत्म किया जा सकता है। भारत क्षेत्रीय देशों के बीच संपर्क, सहयोग, व्यापार और निवेश बढ़ाकर आर्थिक विकास का माहौल बनाना चाहता है। इससे विकास के हमारे लक्ष्य हासिल होंगे और मानवीय विकास होगा।

आर्थिक गतिविधियां बढ़ाएंगे सहभागी देश

अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित समारोह में राष्ट्रपति बाइडन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे, जबकि बाकी देशों के नेता समारोह से आनलाइन जुड़े। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार आइपीईएफ के जरिये सहभागी देश अपनी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाएंगे। हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में ये देश साफ-सुथरी आर्थिक वृद्धि वाली व्यवस्था कायम करेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुकूल होगी।

वंदे मातरम्, मोदी-मोदी.. से गूंजा टोक्यो

समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी भरा स्वागत किया। प्रधानमंत्री के ठहरने के लिए नियत होटल न्यू ओटनी में पहुंचकर हर उम्र के भारतीयों ने मोदी का स्वागत किया। इस दौरान मोदी-मोदी.., भारत माता की जय..,वंदे मातरम्..के नारों से होटल परिसर गूंज उठा।

बच्चों की तस्वीरों पर लिखे संदेश

कई बच्चे हाथ से बनाई तस्वीरें लेकर मोदी के स्वागत के लिए आए… लंबी यात्रा करके पहुंचे प्रधानमंत्री ने उन्हें निराश नहीं किया, बच्चों की तस्वीरों पर संदेश लिखे, उन पर अपने हस्ताक्षर किए, संक्षिप्त बात की और सिर पर हाथ फेरकर स्नेह प्रदर्शित किया। इस दौरान कई महिलाओं और पुरुषों ने हथेलियों पर प्रधानमंत्री मोदी से आटोग्राफ दिए, उनके चरण स्पर्श कर सम्मान प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री उनसे हाथ मिलाते-हाथ हिलाते हुए आगे बढ़ते गए।

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