एसडीएम कोर्ट ने मां-बाप को प्रताड़ित करने के अलग-अलग छह मामलों पर सुनवाई करते हुए सुनाया ये फैसला…

एसडीएम कोर्ट ने मां-बाप को प्रताड़ित करने के अलग-अलग छह मामलों पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बच्चों को संपत्ति से बेदखल कर एक माह के भीतर घर खाली करने को कहा है। अन्यथा पुलिस की मदद से घर से खाली कराया जाएगा। एसडीएम पूरण सिंह राणा कोर्ट ने यह फैसला धारा 4/23 माता पिता एवं नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 के तहत सुनाया है।

हरिद्वार में बुजुर्गों ने एसडीएम को दिए शिकायती पत्र

हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद आदि क्षेत्र के बुजुर्गों ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उनके बच्चे उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। उन्हें प्रताड़ित करते हैं।

कोर्ट ने आरोपि‍त बेटों को घर खाली करने के दिए आदेश

एसडीएम कोर्ट के समक्ष पिछले तीन चार महीनों में ऐसे छह मामले सामने आए। कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई करते हुए एक माह के भीतर आरोपि‍त  बेटों को घर खाली करने का आदेश दिया है। आदेश के उल्लंघन पर पुलिस की मदद से जबरन घर खाली कराया जाएगा।

कई बुजुर्गों के दो से तीन संतान, तो एक की है इकलौती संतान

एसडीएम ने बताया कि जिन मामलों में सुनवाई की गयी है उनमें कुछ बुजुर्गों के दो से तीन, जबकि एक की इकलौती संतान है। जो बुजुर्ग माता पिता की समुचित देखभाल के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करते हैं। भोजन-पानी देने से भी इंकार करते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे चार से पांच मामलों पर सुनवाई चल रही है। इस पर भी जल्द फैसला सुनाया जाएगा।

हरिद्वार: मुंह बोले भतीजे ने चाचा-चाची को लगाई चपत

कनखल में एक मुंह बोले भतीजे ने चाचा-चाची के साथ ही धोखाधड़ी कर डाली। चाची से एक बीघा जमीन खरीदी और अधिकारियों की मिलीभगत कर दो बीघा जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। शिकायत मिलने पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक, कनखल के एक व्यापारी ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि दक्ष मंदिर के पास उनकी जमीन है। जिसमें से उनके मुंह बोले भतीजे ने एक बीघा जमीन खरीदने की पेशकश की। जिस पर चाचा-चाची रजामंद हो गए और दोनों पक्ष रजिस्ट्री करवाने के लिए रजिस्ट्रार के दफ्तर पहुंच गए। आरोप है कि मुंह बोले भतीजे ने पहले से ही एक बीघा जमीन के साथ दो बीघा जमीन के दानखाते के कागजात तैयार किए हुए थे। रजिस्ट्रार कार्यालय की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पीडि़त ने बताया कि आमतौर पर शाम पांच बजे सरकारी दफ्तर बंद हो जाते हैं, लेकिन रजिस्ट्रार कार्यालय में शाम सात बजे रजिस्ट्री कराई गई। मुंह बोले भतीजे के अपराधियों से संबंध बताते हुए पीडि़त ने जान का खतरा जताया है। इंस्पेक्टर कनखल मुकेश चौहान ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।

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