लखीमपुर खीरी की शारदा सहायक नहर बंद होने से लखनऊ के कठौता झील में जल स्‍तर हुआ कम, इन इलाकों में बढ़ेगा जल संकट…

लखीमपुर खीरी की शारदा सहायक नहर बंद होने से लखनऊ के कठौता झील में पानी का लेवल लगातार कम होता जा रहा है। शुक्रवार को करीब ढाई फीट पानी कम हो गया। आम दिनों में झील में 15.6 फीट पानी का लेवल रहता है, जो कि अब 13 फीट ही रह गया है। हालांकि अभी जलापूर्ति में सुबह शाम एक-एक घंटा की कटौती जारी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले सप्ताह से पानी संकट गहरा सकता है। अगर शारदा नहर को नहीं खोला गया तो इंदिरानगर और गोमतीनगर की पांच लाख की आबादी के सामने पानी का गहरा संकट खड़ा हो सकता है।

जलकल के अधिशासी अभियंता बीके श्रीवास्तव का कहना है कि झील का पानी लगातार कम हो रहा है। नलकूपों की मदद से भी जलापूर्ति की जा रही है। अगर शारदा नहर खोलने में देरी की गई तो लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। अभी सुबह और शाम में एक-एक घंटे की जलापूर्ति में कटौती की जा रही है।

आठ मई से नहीं मिल रहा है पानी : आठ मई से लखीमपुर खीरी की शारदा सहायक नहर का पानी कठौता झील (तीसरे जलकल) को मिलना बंद हो गया था और ये नहर अभी पांच जून तक बंद रहेगी। गोमतीनगर, इंदिरानगर और चिनहट से जुड़े इलाकों में पानी की आपूर्ति कठौता झील में बने तीसरे जलकल से की जाती है। इसके साथ ही 150 नलकूप से भी पानी की आपूर्ति की जाती है।

नलकूप भी हैं खराब : गोमतीनगर के कई खंडों में पानी की परेशानी बढ़ सकती है। विपुल खंड-चार, विनीत खंड-छह टंकी परिसर में, विधायकपुरम, विनय खंड एकता पार्क, विशाल खंड तीन में नलकूप भी खराब हैं।

साल में दो बार रहती है समस्या : लखीमपुर शारदा नहर से तीसरे जलकल (कठौता झील) को पानी मिलने में साल में दो बार समस्या रहती है। नहर की सफाई होने के कारण उसे बंद किया जाता है और फिर उसका असर गोमतीनगर व इंदिरानगर के पांच लाख आबादी पर पड़ता है। करीब एक माह तक नहर को बंद किया जाता है और ऐसे में तीसरे जलकल में 22 दिन का पानी ही स्टोर रहता है। आगे नहर कब चालू होगी? इसे लेकर संशय रहता है और नहर चालू होने के बाद उसका पानी झील में पहुंचने तक तीन दिन लग जाता है। नहर का पानी 135 किलोमीटर दूर से आता है।

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