गोधन न्याय योजना पूरे राज्य की समृद्धि के खोल रही नए रास्ते: सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना पूरे राज्य की समृद्धि के नए रास्ते खोल रही है। यह योजना हमारे गांवों में खुशहाली लेकर आई है। हमें इस योजना को और ज्यादा ताकत के साथ आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने कांकेर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 15 करोड़ 37 लाख रुपये अंतरण करते हुए यह बात कही। इसमें तीन करोड़ 36 लाख रुपये गोबर खरीदी और 12 करोड़ एक लाख रुपये गोठान समितियों और स्व सहायता समूहों के लाभांश की राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों, आदिवासियों, मजदूरों और गरीबों को सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाने वाली हमारी हर योजना की राशि का भुगतान हमने हमेशा समय पर किया है, चाहे वह राजीव गांधी किसान न्याय योजना की बात हो, चाहे राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की बात हो या फिर चाहे गोधन न्याय योजना की बात हो। कोरोनाकाल में भी हमने ये सिलसिला टूटने नहीं दिया।
कार्यक्रम में वचुर्अल शामिल हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को हर 15 दिन में राशि के भुगतान का किया गया वादा पूरा कर रहे हैं। सरगुजा दौरे के समय पांच मई को उन्होंने राजपुर से और आज कांकेर से गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डा. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की अब तक की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कैबिनेट मंत्री भगत ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर
छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री व सीतापुर विधायक अमरजीत भगत ने अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। सीतापुर के लोग नंबर 18005727937 पर काल करके अपनी समस्या के बारे में बता सकते हैं। इसके निराकरण के लिए यथोचित कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि मंत्री भगत लगातार जनता की समस्या सुन रहे हैं व उनका तत्काल निराकरण कर रहे हैं। अब उन्होंने एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है, जिसमें ट्रांसफार्मर, नाली, बिजली, मजदूरी जैसी कई समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है। वे अब तक दर्जनों समस्याओं का निराकरण कर चुके हैं।