भारत की केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक बार फिर से बढ़ा दी रेपो रेट, यहां जानिए नई रेट
भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक बार फिर से रिपोर्ट की दरें बढ़ा दी हैं, जिसका असर आम लोगों पर पड़ेगा। इसका सीधा असर ग्राहकों द्वारा लिए गए लोन पर पड़ेगा। आरबीआई द्वारा बढ़ाया गए रेपो रेट के बाद कई बैंकों ने होम लोन पर अपनी दरें बढ़ा दी हैं। मौजूदा बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट में कुल बढ़ोतरी 0.9% हुई है। केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी के कारण बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने भी अपनी लोन ब्याज दरों में वृद्धि करना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि यह दूसरी बार है, जब आरबीआई ने 36 दिनों में दरों में बढ़ोतरी की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में 50 आधार अंकों (bps) की बढ़ोतरी के ठीक एक दिन बाद कई बैंकों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि उन्होंने अपने बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होम लोन की ब्याज दरों में वृद्धि की है। आइए जानते हैं कि देश की चार बड़ी बैंकों ने बाहरी बेंचमार्क होम लोन ब्याज दरों (External Benchmark based Lending Rate) पर ब्याज दरों में कितनी बढ़ोतरी की है।
बैंक ऑफ बड़ौदा
बड़ौदा रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (बीआरएलएलआर) से जुड़े विभिन्न लोन पर बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्याज दर 9 जून 2022 से प्रभावी होंगी। वेबसाइट के अनुसार रिटेल लोन के लिए लागू बीआरएलएलआर 7.40% है।
पीएनबी
आज की तारीख में पंजाब नेशनल बैंक की रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) 7.40% होगी, जो 9 जून, 2022 से प्रभावी होंगी।
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने भी दरों में संशोधन किया है। वेबसाइट के अनुसार 08 जून 2022 से प्रभावी आरबीएलआर संशोधित रेपो दर 4.90% के अनुसार 7.75% है।
ICICI बैंक
आईसीआईसीआई बैंक ने 8 जून 2022 से अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर (External Benchmark based Lending Rate) में बदलाव किया है। आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI बैंक ने लेंडिंग रेट यानी उधार देने पर लगने वाली ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने इसमें 50 आधार अंक की बढ़ोतरी करते हुए इसे 8.60 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह 8.10 फीसद था।
आपकी ईएमआई कितनी बढ़ जाएगी
मौजूदा बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट में कुल बढ़ोतरी 0.9 फीसद हुई है। केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी के कारण बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसे लोनदाता अपनी उधार दरों में वृद्धि करेंगे, जिसका अर्थ है कि आपकी ईएमआई बढ़ेगी। यदि आपके पास 7 फीसद वार्षिक ब्याज पर 20 साल की शेष अवधि के साथ 30 लाख रुपये बकाया है, तो आपको हर एक लाख रुपये लोन ईएमआई के लिए 55 रुपये अतिरिक्त देने पड़ सकते हैं।