इस फूल के बीज ब्ल्ड शुगर कर सकते हैं कंट्रोल, जानिए चौकाने वाले फायदे
आज के समय में ज्यादातर लोग मोटापे और होर्मोनल इम्बैलेंस जैसी समस्याओं से परेशान हैं। जिसकी मुख्य वजह वर्कआउट की कमी और खराब जीवनशैली है। वहीं अगर आप भी इस तरह की किसी समस्या से परेशान हैं तो सूरजमुखी के बीज आपके काम आ सकते हैं। जी दरअसल सूरजमुखी के बीज में आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन और मिनरल्स के गुण पाए जाते हैं और यह शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। जी हाँ और इसी वजह से इन बीजों को सुपरफूड के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इनका नियमित सेवन करने से न सिर्फ आपको कई पोषक तत्व मिलते हैं बल्कि आप कई तरह की बीमारियों से भी दूर रहते हैं। अब हम आपको बताते हैं सूरजमुखी के बीज खाने के फायदे।
हड्डियों को बनाएं मजबूत- सूरजमुखी के बीज हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में भी मदद करते हैं। जी दरअसल सूरजमुखी में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को लिए लाभदायक होता है।
कब्ज से छुटकारा- सूरजमुखी के बीज में फाइबर की अधिकता होती है और इस वजह से कब्ज की समस्या में राहत मिल सकती है।
ब्ल्ड शुगर कंट्रोल करे- कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि सूरजमुखी के बीजों में ब्लड शुगर को कम करने वाला क्लोरोजेनिक एसिड होता है। जी हाँ और कई रिसर्च को देखा जाए तो रोज लगभग 30 ग्राम सूरजमुखी के बीज खाने से 6 हफ्तों के अंदर 10 फीसदी तक ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
मोटापा कम करने में फायदेमंद- सूरजमुखी के बीज मैग्नीशियम से भरपूर हैं, जो दिल की सेहत को अच्छा बनाए रखते हैं। जी हाँ और इसके अलावा, यह बीज एक्सट्रा फैट के खिलाफ सक्रिय रूप से लड़ते हुए मेटाबॉलिज्म को भी अच्छा बनाए रखने में मदद करते हैं।
त्वचा में चमक- जी दरअसल सूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई पाया जाता है और यह त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जी दरअसल इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सिलेनियम स्किन को ठीक करने में विटामिन ई की मदद करता है। जी दरअसल इसके तेल में बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने की क्षमता होती है, जो त्वचा को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है।
एस्ट्रोजेन असंतुलन को नियंत्रित करता है- एस्ट्रोजेन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है, जिसके असंतुलन से शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे थायराइड, डायबिटीज व ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। हालाँकि सूरजमुखी में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन एस्ट्रोजन को संतुलित करने का काम कर सकते हैं। जी दरअसल एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फायटोएस्ट्रोजन ब्रेस्ट कैंसर और मेनोपॉज के बाद होने वाले कैंसर के खतरे को भी कम करने का कम करता है।