भारी बर्फबारी के बाद हेमकुंड यात्रा पर रोक, प्रशासन-पुलिस पूरी तरह अलर्ट

हेमकुंड और आसपास के क्षेत्र में पिछले तीन दिन से जारी भारी बर्फबारी के बाद चमोली के जिला प्रशासन ने हेमकुंड और फूलों की घाटी की यात्रा को चौबीस घंटे के लिए रोक दिया है। सोमवार देर शाम तक हेमकुंड में डेढ़ फीट तक बर्फ गिर चुकी थी। फूलों की घाटी की यात्रा भी रोक लगाई गई है।

सुरक्षा की दृष्टि से जोशीमठ से घांघरियां तक जगह जगह दस हजार से ज्यादा यात्रियों को रोका गया है। चमोली की पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि, मौसम खुलने और बर्फ पिघलते ही यात्रा शुरू कर दी जाएगी। प्रशासन-पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।

जगह जगह रोके यात्री
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमैंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि, बर्फबारी के कारण करीब 5 हजार तीर्थयात्रियों को घांघरिया, चार हजार यात्रियों को गोविन्दघाट और डेढ़ से दो हजार यात्रियों को जोशीमठ गुरुद्वारे में रोका गया है। यात्रियों के रहने खाने की पूरी व्यवस्था गुरुद्वारे में की गई है।

बिन्द्रा ने बताया कि, मौसम खुला तो मंगलवार (आज) से यात्रा फिर शुरू कर दी जाएगी। उधर, ऋषिकेश स्थित श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह ने बताया कि, हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए सिख श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में रोका गया है।

फूलों की घाटी की यात्रा भी रोकी
रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि, सोमवार को भारी बारिश और ऊपरी इलाकों मे हो रही बर्फबारी के कारण घांघरियों से किसी भी पर्यटक को आगे नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बताया कि, फूलों की घाटी पैदल मार्ग कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। रैकी दल रवाना कर दिया गया है। यदि मंगलवार को मौसम साफ हुआ तो रोके गए पर्यटक फूलों की घाटी के लिए रवाना कर दिए जाएंगे।

पिंडारी, कफनी ग्लेशियर की यात्रा रोकी
बागेश्वर।  
भारी बारिश के अलर्ट के बाद बागेश्वर प्रशासन ने ग्लेशियरों की ट्रैकिंग पर रोक लगा दी है। इस समय जो यात्री ऊंचाई वाले इलाकों में हैं उन्हें लौटने के लिए कहा गया है। अब ग्लेशियिरों की यात्रा 15 सितंबर के बाद शुरू होगी। कपकोट के पिंडारी, कफनी ग्लेशियर और सुंदरढूंगा घाटी की यात्रा करीब तीन महीने के लिए स्थगित कर दी गई। हिमालयी क्षेत्र में बारिश का दौर शुरू हो गया है।

पिछले साल पिंडारी में यात्रियों के फंसने के कारण इस बार प्रशासन पहले ही सतर्क है। इस कारण पहले ही यात्रा रोकने के निर्देश दिए गए हैं। अंतिम गांव खाती के लोगों को भी अलर्ट किया गया है। वन विभाग, लोनिवि आदि विभागों की गैंग को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है।

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