फ्री राशन योजना का फायदा लेने वालों के लिए अच्छी खबर, जानिए…
अगर आप भी सरकार की तरफ से शुरू की गई फ्री राशन योजना का फायदा ले रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. इस खबर को पढ़कर आप खुश हो जाएंगे. मई महीने में कई मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि यूपी की योगी सरकार की तरफ से अपात्र राशन कार्ड धारकों से कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा गया है. खबरों में यह भी दावा किया गया कि राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने वालों से सरकार वसूली करेगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.
यूपी सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं
राशन कार्ड सरेंडर करने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. इतना ही नहीं कई जिलों में राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए लाभार्थियों की लंबी-लंबी लाइन लग गईं. इस खबर पर सरकार ने साफ किया कि राशन कार्ड सरेंडर (Ration Card Surrender) करने या रद्द करने पर किसी तरह का आदेश यूपी सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं दिया गया.
पता लगाया जाएगा किसने दिया यह आदेश
प्रदेश के खाद्य आयुक्त ने मीडिया में चल रही खबरों का तत्काल प्रभाव से खंडन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह का आदेश किसने दिया, यह पता लगातार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस आदेश के बाद ऐसे लोगों को काफी राहत मिली जो राशन कार्ड के जरिये सरकार से मुफ्त राशन ले रहे थे.
कार्ड वेरिफिकेशन एक सामान्य प्रक्रिया
खाद्य आयुक्त ने अलग-अलग माध्यमों पर चल रही खबर को भ्रामक और झूठा बताया. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड वेरिफिकेशन (Ration Card Verification) सामान्य प्रक्रिया है. यह सरकार की तरफ से समय-समय की जाती रहती है। सरकार की तरफ से बताया गया कि घरेलू राशन कार्डों की ‘पात्रता / अपात्रता मानदंड 2014’ में निर्धारित किया गया था. उसके बाद किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया.
इन स्थितियों में रद्द होता है राशन कार्ड
इसमें बताया गया है कि राशन कार्ड धारक को (Ration Card Holder) पक्का घर होने, बिजली कनेक्शन या एकमात्र हथियार लाइसेंस धारक या मोटर साइकिल मालिक होने और मुर्गी पालन / गाय पालन में लगे होने के आधार पर अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता.
रिकवरी पर भी कोई आदेश नहीं
यह भी बताया गया कि (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 (National Food Security Act-2013) के अनुसार अपात्र कार्डधारकों से वसूली का किसी तरह का प्रावधान नहीं है. शासन स्तर या खाद्य आयुक्त कार्यालय से वसूली से जुड़ा कोई आदेश जारी नहीं किया गया.