सरयू नदी से चांदी का शिवलिंग सावन माह में मिलने के बाद, थाने के मालखाने में क्यू रखा गया 

16 जुलाई को सरयू नदी में मिला 21 किलोग्राम का रजत शिवलिंग आखिर देवालय पहुंच गया। पुलिस प्रशासन ने मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा किए जाने का आदेश दिया। रविवार की सुबह 9:25 मिनट पर दोहरीघाट थाने के मालखाने का ताला खुला और थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह महादेव का शिवलिंग सिर पर लेकर निकले। यह देख हजारों के उमड़े हुजूम से हर-हर महादेव का जयकार फूट पड़ा।हर-हर महादेव के नारों के बीच महिलाओं का मंगल गीत अलग ही नजारा पेश कर रहा था। 16 जुलाई को मिले रजत शिवलिंग की बाबा मेलाराम लक्ष्मण घाट पर स्थापना की जाएगी। जिसके लिए रविवार को नगर के भारी संख्या में नर-नारी गाजे-बाजे के साथ सरयू से प्रगट शिवलिंग को प्राप्त करने के लिए थाना परिसर पहुंचे। थाना परिसर पहुंचने पर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने शिव की निरंतर पूजा करने वाली सचि सिंह, प्राची पांडेय को बुलाकर मालखाना खुलवाया और शिव की आराधना कर दोनों महिला सिपाहियों ने शिव प्रेम में मगन भक्ति में लीन सजल नेत्रों से अद्भुत शिवलिंग को सुपुर्द किया।

थानाध्यक्ष शिवलिंग को सिर पर रखकर बैठक कक्ष में ले गए। यहां वेदपाठक ब्राह्मणों द्वारा अद्भुत शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया। विधिवत पूजन करने के बाद थानाध्यक्ष ने सिर पर शिवलिंग रखकर रथ पर पहुंचाया। जहां शिवलिंग को मंत्रोच्चारण के बीच मेलाराम के महंत उदासी महाराज हनुमानगढ़ी के पुजारी बबलू पांडे तथा सभासद महेंद्र निषाद ने थानाध्यक्ष से शिवलिंग लेकर रथ पर विराजमान किए।

हर-हर महादेव के नारों से बम-बम दोहरीघाट बोल उठा आदि गीत गूंजते रहे। नगर भ्रमण के समय जगह-जगह फूलों की वर्षा की गई। रथ नगर के चौक पर पहुंचा। यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिवलिंग पर फूलों की वर्षा की। यह दृश्‍य ऐसा था मानो अयोध्या में भगवान जैसे 14 वर्ष के बाद पधारे थे, ठीक वैसे ही 14 दिन बाद सरयू नदी से प्रगट अद्भुत शिवलिंग छोटी अयोध्या को मिला।

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