आज इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अपने 75 साल पूरे होने के कारन ,इसी मौके पर यह ऐलान किया गया

यह ऐलान किया गया

 मुंबई की लोक परिवहन और विद्युत प्रदाय संस्था बेस्ट बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात ने शहर में पर्यटकों को बड़े पैमाने पर आकर्षित करने के लिए और मुंबई दर्शन के लिए देश-विदेश से आए पर्यटकों को अधिक सुविधा प्रदान करने के मकसद से एक और हाॅप-ऑन-हाॅप ऑफ हो-हो एसी बस सेवा का ऐलान किया है। इससे संबंधित एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।इसका शुभारंभ आज बेस्ट के 75 साल पूरे होने के मौके पर किया जा रहा है। संस्था के महा प्रबंधक लोकेश चंद्रा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, यात्री इसके लिए निर्धारित स्टेशनों से बस में सवार होकर पूरे शहर का सफर कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ 150 रुपये का किराया चुकाना होगा। वे चाहे तो हो-हो बस या इस रूट पर चलने वाली किसी भी बस में सवार हो सकते हैं। इससे पर्यटकों के लिए मुंबई दर्शन करना और भी आसान हो जाएगा।

श्री चंद्रा ने इस बात की भी जानकारी दी कि जल्द ही डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस की भी सेवा शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा, ”इस साल हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं इसके तहत हम नई इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में इजाफा करने वाले हैं। साल 2023 के अंत तक हमारी 50 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी और साल 2026 के खत्म होने तक हमारी सभी बसें बिजली से संचालित होंगी। आने वाले समय में हम इस तरह की बसों की संख्या में और भी इजाफा करने वाले हैं।”इस वक्त हो-हो की सेवाएं गेटवे ऑफ इंडिया से जुहू चैपाटी तक है। इसके बीच में कई टूरिस्ट स्पाॅट आते हैं। नई शुरू हो रही हो-हो बसों की सेवाएं छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से शहर के कई अलग-अलग हिस्सों तक प्रदान की जाएगी।मालूम हो कि भाजपा विधायक आशीष शेलर ने 15 जुलाई को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट बेस्ट की तरफ से ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की सहायक कंपनी ईवी को 2,100 बसों के मिले ऑर्डर के मामले में हस्तक्षेप करने और इस सौदे को रद्द करने की अपील की थी।बाॅम्बे हाईकोर्ट ने अभी कुछ दिनों पहले टेंडर की इस प्रक्रिया को गलत ठहराया था। इस पर श्री शेलर ने कहा है कि बेस्ट ने अभी तक इस सौदे को रद्द नहीं किया है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सौदा पूरी तरह से निरस्त हुआ है या नहींउन्होंने कहा, ”यह एक गंभीर मुद्दा है इसलिए सरकार को तत्काल इसमें हस्तक्षेप करनी चाहिए। यह देखना वाकई में आश्चर्य की बात है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बेस्ट अपनी इस पसंदीदा कंपनी को यह अनुबंध हासिल कराने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।”

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