इस लेख में हम बताने जा रहे हैं कि आप किस प्रकार अपना क्रेडिट स्कोर मजबूत कर सकते
क्रेडिट स्कोर मजबूत कर सकते
आपका क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय सेहत के सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक है। क्रेडिट स्कोर तीन अंकों की एक संख्या है जो 300 से लेकर 900 तक के बीच होती है। यह संख्या किसी भी व्यक्ति की ॠण चुकौती करने की क्षमता का मापन करती है। क्रेडिट स्कोर की गणना कई कारकों को ध्यान में रखकर की जाती है, जैसे कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, ॠण चुकता करने का रिकॉर्ड और क्रेडिट से संबंधी पूछ-ताछ आदि। यह लेंडर्स को उधारकर्ताओं के प्रोफाइल का आकलन करने में सक्षम बनाती हैं। आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, आपके लिए लोन लेना और ब्याज दरों पर मोलभाव करना उतना ही आसान होगा।भारत में, लोन की एक सबसे प्रमुख श्रेणी है ‘होम लोन’)। सीआरआइएफ (CRIF) की हाउ इंडिया लेंड्स 2021 की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 17 से वित्त वर्ष 21 के दौरान कुल होम लोन में वैल्यू के हिसाब से 32% की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि वॉल्यूम के लिहाज से देखें तो इसमें 15% की वृद्धि हुई है। वहीं किफायती होम लोन में वैल्यू के लिहाज से 17% और वॉल्यूम के लिहाज से 6% की बढ़ोतरी देखने को मिली है
क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए अपनाएं ये तरीके
ॠण का भुगतान समय पर करें
सुनिश्चित करें कि आप तय तारीख पर या इससे पहले बकाया भुगतान कर दें, क्योंकि आपके चुकौती करने का रिकॉर्ड आपके क्रेडिट स्कोर का निर्धारण करता है। यदि आप बार-बार विलंब से भुगतान करते हैं या फिर इससे चूक जाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए, आपको नियमित भुगतान का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड बनाए रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इससे आपकी चुकौती करने की मजबूत क्षमता प्रदर्शित होती है।
अपने खर्च को सीमित करें
अपने क्रेडिट कार्ड्स की लिमिट से आगे नहीं जाएं। जब आप अपने क्रेडिट कार्ड पर बार-बार उसकी सीमा से ज्यादा खर्च करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही सुनिश्चित करें कि आप अपने बिलों का भुगतान समय पर करते हैं।
एक अच्छा लोन मिक्स बरकरार रखें
सुरक्षित एवं असुरक्षित ॠण (लोन) के संयोजन से अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे प्रदर्शित होता है कि एक कर्जदार के रूप में, आप अलग-अलग तरह के कर्जों को संभालने में सक्षम हैं।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर पूरी नजर रखें
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर जांचना जरूरी है। इससे पता चल जाता है कि आपने किसी भुगतान में कोई चूक तो नहीं की है, या फिर कोई लोन या कार्ड गलती से आपको अनुदेषित (असाइन) तो नहीं किए गए हैं। साथ ही इससे किसी फर्जीवाड़े की पहचान करने या अज्ञात लेन-देन की भी जानकारी मिल जाती है। यह एक स्वस्थ वित्तीय आदत है जो आपको समय रहते उचित कदम उठाने में सक्षम बनाएगी। ऐसा करने से, आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी अनियमितता को लेकर, यदि है तो, जागरुक रहेंगे, और इसके लिए उल्लिखित प्रक्रियाओं को अपनाकर इन्हें ठीक करा सकेंगे।
क्रेडिट स्कोर को लेकर कई मिथक जुड़े हैं, जिनमें से अधिकांश लापरवाही या जागरुकता की कमी का परिणाम हैं। नीचे कुछ आम धारणाओं का जिक्र किया गया है जिन्हें अक्सर गलत समझा जाता है :
बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सिर्फ क्रेडिट स्कोर की ही जरूरत होती है
क्रेडिट स्कोर की जरूरत सिर्फ बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ही नहीं पड़ती, बल्कि बीमा कंपनियों, टेलीकम्यूनिकेशंस और यूटिलिटी कंपनियों द्वारा भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। और कभी-कभी संभावित नियोक्ता भी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति का आकलन करते हैं।
क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करने से भी स्कोर कम हो सकता है
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करना मामूली पूछ-ताछ होती है, और इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं होगा। आपको अपने वित्तीय व्यवहार पर नजर रखने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करते रहना चाहिए। उपभोक्ता प्रत्येक क्रेडिट ब्यूरो से साल में एक बार (कैलेंडर वर्ष) एक क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त करने के अधिकारी हैं। यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से अनिवार्य किया गया है।
आय आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है
आमतौर पर, आपकी क्रेडिट लिमिट का निर्धारण केवल आपकी आमदनी से नहीं किया जाता है। आपकी सैलरी बहुत अधिक है तो इसका ये कतई मतलब नहीं है कि आपकी क्रेडिट लिमिट भी ऊंची होगी। इसलिए आपकी आय को आपकी क्रेडिट रिपोर्ट्स में दर्ज नहीं किया जाता है। आपके क्रेडिट स्कोर पर आमदनी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी आमदनी कितनी है।
ऊपर दिए गए चरणों को अपनाकर, आप एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बरकरार रखने की दिशा में बढ़ सकते हैं और इस तरह अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं। यदि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत और क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा तो आपको आसानी से होम लोन मिल सकता है। इतना ही नहीं, इससे आप होम लोन प्रदाता की ओर से कुछ अनुकूल शर्तों के भी पात्र बन सकते हैं।