गर्भावस्था में कोरोना काल महिलाओ के लिए सब से घातक जानिए क्यों
हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार पहले के मुकाबले कोरोना काल में गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में प्री मैच्योर डिलीवरी हृदय संबंधी रोग रक्तस्राव और मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने शोध के नतीजों को खतरनाक बताया है।
पिछले ढाई साल में कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में कई बदलाव किए। इनमें कुछ बदलाव मानव जीवन के हित में रहे, तो दूसरी तरफ वायरस के कुछ बुरे प्रभाव भी देखने को मिले। कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों का सबसे ज्यादा असर मानव शरीर पर हुआ। खासकर कोरोना महामारी में गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हुईं। कोरोना के बुरे दौर में प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत में वृद्धि हुई। इसके अलावा, गर्भावस्था से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी महिलाओं को जूझना पड़ा।
गर्भवास्था से जुड़ी समस्याएं बढ़ी
अमेरिका में गर्भवती महिलाओं पर हुए ताजा शोध के अनुसार, गर्भवास्था से जुड़ी दिक्कतें कोरोना काल में बढ़ गईं। विशेषज्ञों ने रिपोर्ट के नतीजे पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान गर्भवती महिलाओं में हृदय संबंधी रोग, प्री मैच्योर डिलीवरी, रक्तस्राव और मृत्यु दर में पहले की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, अस्पताल में भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं के डिलीवरी के तरीके में परिवर्तन देखे गए।
कोरोना काल में मातृ मृत्यु दर में इजाफा
जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की रिपोर्ट की मानें तो कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल में प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत के मामलों में इजाफा हुआ है। विश्लेषण में दावा किया गया कि कोरोना काल से पहले प्रति एक लाख गर्भवती महिलाओं पर मातृ मृत्यु दर जहां सिर्फ 5.17 थी, वह कोरोना काल के दौरान बढ़कर 8.69 फीसदी हो गई। यानि प्रसव के दौरान मां की मौत के मामले कोरोना काल के दौरान बढ़ गए।
अमेरिका में बेथ इज़राइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर (बीआईडीएमसी) के शोधकर्ता रोज एल मोलिना ने बताया कि प्रसव के समय मां की मौत के आंकड़ों कम जरूर हैं लेकिन कोरोनाकाल में जिस तरह से गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं में बढ़ोतरी हुई, वह चिंताजनक और खतरनाक है।
प्रसव के दौरान बच्चों की गई जान
प्रसव के दौरान न सिर्फ मां बल्कि बच्चे की मौत के आंकड़ें में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। शोध के मुताबिक, पहले की तुलना में कोरोना काल में कुल जीवित जन्में बच्चों का आंकड़ा 5.2 फीसदी कम रहा। अमेरिका में 16 लाख गर्भवती महिलाओं पर यह शोध किया गया। इन महिलाओं ने अमेरिका के 463 अस्पतालों में कोविड महामारी के पहले 14 महीने और कोविड काल के 14 महीनों के अंतराल में बच्चों को जन्म दिया था।