रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा गया ,अब कर सकते हैं बातचीत, जाने हमलवार ने क्या कहा
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक की हालत अब ठीक है। उन्हें वेंटिलेटर से हटा लिया गया है। अब वे बात करने में सक्षम हैं। उन पर पश्चिमी न्यूयार्क राज्य में चाकू से हमला किया गया था।
प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है। अब वे बातचीत कर सकते हैं। एक व्याख्यान के दौरान शुक्रवार की सुबह पश्चिमी न्यूयार्क राज्य में उन पर चाकू से हमला किया गया था।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने अधिक जानकारी दिए बिना पुष्टि की है कि रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और अब वे बातचीत कर सकते हैं।
आरोपी ने कोर्ट से दोषी नहीं होने का किया अनुरोध
इससे पहले, हादी मटर , जिस पर भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी को छुरा घोंपने का संदेह है, ने न्यूयार्क की एक अदालत में दूसरी डिग्री में हत्या के प्रयास और अन्य आरोपों के लिए दोषी नहीं होने का अनुरोध किया।
रिमांड पर लिया गया आरोपी
मटर को शनिवार को केंद्रीकृत आक्षेप में पेश किया गया और उसे चौटाउक्वा काउंटी जेल (Chautauqua County Jail) में बिना जमानत के रिमांड पर लिया गया।
12 अगस्त को रूश्दी पर हुआ हमला
पुलिस के मुताबिक, ’12 अगस्त को सुबह के 10 बजकर 47 मिनट पर फेयरव्यू के एनजे के रहने वाले वाले 24 वर्षीय हादी मटर ने 75 वर्षीय सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया। इस दौरान उनके गर्दन और छाती में घाव हो गया। उन्हें हेलीकाप्टर से क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया।’
गर्दन पर चाकू से किया वार
न्यूयार्क राज्य पुलिस ने शुक्रवार को संदिग्ध की पहचान की। पूरी घटना के बारे में बताते हुए पुलिस ने एक बयान में कहा कि चौटौक्वा में चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में एक भाषण कार्यक्रम से पहले एक पुरुष संदिग्ध मंच पर आया और फिर रुश्दी पर हमला कर दिया। लेखक की गर्दन पर चाकू से वार किया गया था। उन्हें हेलीकाप्टर से एक क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया था। एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। रुश्दी की गर्दन और बाएं हाथ की कई नसें हमले के चलते कट गई हैं। डाक्टरों ने बताया कि एक आंख के जख्मी होने से इसकी रोशनी भी जा सकती है। इसके अलावा, रुश्दी के पेट पर भी कई वार किए गए हैं, जिससे उनके लिवर को काफी नुकसान पहुंचा है।
मिडनाइट्स चिल्ड्रेन से मिली सुर्खियां
75 वर्षीय लेखक ने 1981 में अपने उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए सुर्खियां बटोरीं। उनकी 1988 की पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी का भी सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें कई सालों तक छिपकर रहना पड़ा।
ब्रिटेन की गृह सचिव ने भी की हमले की निंदा
ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा कि वह सर सलमान रुश्दी पर अकारण और मूर्खतापूर्ण हमले के बारे में सुनकर स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मूल्य है जिसे हम प्रिय मानते हैं और इसे कमजोर करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’