एक स्टडी के मुताबिक,इन लोगों को मौत का खतरा होता है कम

चाय में सहायक पदार्थ होते हैं जो सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं। चीन और जापान में ग्रीन टी फेमस है, बीते समय हुए अध्य्यन में उसके हेल्थ बेनिफिट्स बताए। हालांकि, नया अध्ययन यूके के पसंदीदा ड्रिंक काली चाय से जुड़ा है।यहां देखें क्या कहती है लेटेस्ट रिपोर्ट-

14 साल तक किया फॉलो

यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक बड़े डेटाबेस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया, जिसमें यूनाइटेड किंगडम में लगभग आधे मिलियन एडल्ट को चाय की आदतों के बारे में पूछा गया, फिर 14 साल तक उनको फॉलो किया। उन्होंने स्वास्थ्य, धूम्रपान, शराब का सेवन, डायट, आयु, जाति और लिंग जैसे जोखिम कारकों के लिए भी एडजस्ट किया।

चाय पीने वालों को कम होता है मौत का खतरा

ज्यादा चाय पीना यानी, रोजाना दो से ज्यादा कप एक मामूली फायदे से जुड़ा था। ये चाय न पीने वालों की तुलना में किसी भी कारण से मौत का खतरे को 9 से 13 प्रतिशत तक कम करता है। चाय का तापमान, या दूध-शक्कर मिलाने से भी रिजल्ट नहीं बदले।

चाय का एक कप है सही

इनौ-चोई ने कहा कि चाय की आदतों को बदलने की सलाह देने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अगर आप पहले से ही एक कप दिन में पीते हैं, तो यह अच्छा है। 

एसोसिएटेड प्रेस हेल्थ और विज्ञान विभाग को हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट के विज्ञान शिक्षा विभाग से समर्थन मिला है। एपी सभी चीजों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।

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