राजधानी में पुराने लखनऊ के कुत्ते अधिक खूंखार
पुराने लखनऊ में सबसे ज्यादा कटखने कुत्ते हैं। कब कुत्तों का झुण्ड किसी को दौड़ाकर हमला कर दे पता नहीं। आवारा कुत्ते खूंखार हो रहे हैं। लगातार लोगों को काट कर जख्मी कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा पुराने लखनऊ के लोग ही रैबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल आ रहे हैं। हर दिन 250 लोगों पर कुत्ते हमला कर रहे हैं।
अस्पतालों में हर दिन 250 लोग रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं
बलरामपुर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में औसतन 250 लोग रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा ठाकुरगंज, चौक, बालागंज, चौपटिया, नक्खास, मौलवीगंज, सआदतगंज, ऐशबाग, कैसरबाग, रकाबगंज आदि इलाके के लोग हैं। मौज्जमनगर समेत दूसरे इलाके शामिल हैं। बिलौचपुरा व उसके आस-पास से भी बड़ी संख्या में लोग कुत्ते के काटने के बाद जख्मी अवस्था में अस्पताल आ रहे हैं। इसके अलावा गोमतीनगर विस्तार, जनेश्वर मिश्र पार्क के पास, डालीगंज, राजीव गांधी नगर, मुकारिम नगर में भी आवारा कुत्तों का आतंक है। बड़ी संख्या में लोगों ने बिना लाइसेंस कुत्ते पाल रखे हैं।
कैंट व जियामऊ में भी कुत्तों का आतंक
कैंट, जियामऊ व उसके आस-पास भी कुत्तों का जबरदस्त आंतक हैं। सिविल अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 100 से 130 लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। इसमें 40 से 50 नए लोग शामिल हैं। सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते लोगों को काट रहे हैं। गोमतीनगर के पत्रकारपुरम से काफी लोग जख्मी अवस्था में लोहिया संस्थान लाए जा रहे हैं। चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी रोजाना 20 से 30 लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक रोजाना 70 लोग एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं। इसमें 20 से 25 नए लोग शामिल हैं।
गोमतीनगर विस्तार में कुत्तों की फौज
गोमतीनगर विस्तार में आवारा कुत्तों की भरमार है। यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में कुत्तों का आतंक बना है। यहां कुत्तों ने कई लोगों को काटा है। इससे त्रस्त लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखा पर हुआ कुछ नहीं। उमाशंकर दुबे ने बताया कि मानव अधिकार आयोग उत्तर प्रदेश और एलडीए उपाध्यक्ष को उन्होंने कई बार पत्र लिखकर आवारा कुत्तों से निजात दिलाने को कहा लेकिन हुआ कुछ नहां। कुत्तों का आतंक बरकरार है।
सरकारी अस्पताल में मुफ्त है वैक्सीन
रैबीज से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त रैबीज की वैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीन की चार डोज लगवाई जाती है। पहले दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन व 28 वें दिन में लगता है। पहले पेट में सात इंजेक्शन लगाए जाते थे। अब बांह में रैबीज की वैक्सीन लगाई जा रही है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। सभी अस्पतालों में रैबीज के पर्याप्त इंजेकशन उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद तुंरत घाव को साफ बहते पानी में धोएं। उसके बाद रैबीज संग टिटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवाएं। बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि सबसे ज्यादा कुत्ता काटने के बाद मरीज आ रहे हैं। सप्ताह में एक या दो बंदर या चूहे के काटने के बाद लोग इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं।