उत्तर कोरिया पर इस वजह से अमेरिका और जापान ने लगाए प्रतिबंध, पढ़े पूरी ख़बर…
बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट के बाद उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों (सेंक्शन) की घोषणा की गई है। ये प्रतिबंध अमेरिका और जापान ने लगाए हैं। दरअसल हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने बेहद ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। मिसाइल परीक्षण को क्षेत्र के लिए खतरा बताते हुए जापान और अमेरिका ने इसकी कड़ी निंदा की थी। हालांकि नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की है।
इस परीक्षण के लिए अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने तीन व्यक्तियों को निशाना बनाया है। कहा जा रहा है कि ये तीनों सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) को बनाने वाले संगठनों का नेतृत्व करते हैं। अमेरिका ने जिन तीन लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं उनके बारे में कहा जाता है कि वे विनाशकारी हथियार बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं। इसके अलावा जापान ने उत्तर कोरिया की तीन संस्थाओं और एक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए हैं। जापानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, जापान ने जिन पर नए प्रतिबंध लगाए हैं वे उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल प्रोग्राम से जुड़े हुए हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने आज वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (WPK) के अधिकारी होने के लिए तीन व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन व्यक्तियों ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) को बड़े पैमाने पर विनाशकारी हथियार (डब्ल्यूएमडी) और बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने के लिए अपना समर्थन दिया।” इन प्रतिबंधों की घोषणा 18 नवंबर को उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च के मद्देनजर की गई है। जापान और अमेरिका का कहना है कि यह कार्रवाई कोरिया के गैरकानूनी विनाशकारी हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से रोकेंगे क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा करते हैं। अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा है कि इसने वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के निदेशक तथा उप निदेशक क्रमश: जॉन इल हो तथा यू जिन को प्रतिबंधित कर दिया है, इसके अलावा केंद्रीय समिति के एक अन्य सदस्य किम सू गिल पर भी प्रतिबंध लगाया है। वित्त विभाग ने कहा कि उनके बैंक खातों और अन्य आर्थिक संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है तथा उनके साथ किसी प्रकार का लेन देन अथवा व्यवसाय करने से अमेरिकियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। दक्षिण कोरिया ने इस साल बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की गति बढाते हुये 60 से अधिक परीक्षण किये हैं, जिसके बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर दबाब बढ़ गया है। वित्त विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुये उत्तर कोरिया के हथियारों को विकसित करने में तीन अधिकारियों ने ”महत्वपूर्ण भूमिका निभाई” और 2017 के बाद बड़ी संख्या में बैलेस्टिक मिसाइलों के परीक्षण में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे। इन तीनों को इससे पहले यूरोपीय संघ ने भी दंडित किया था तथा उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ पूर्व में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में भी इन तीनों को शामिल किया गया था।