मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे पर खास पहल, जानवरों के लिए बनाए जा रहे अलग ब्रिज और अंडरपास
मुंबई. अक्सर जब जंगल से जुड़े रास्तों पर सफर पर निकला जाता है तो वाहन धीमी गति में ही चलाए जाते हैं. ताकि अगर कोई जंगली जानवर (WildLife) सड़क पर आ जाए तो उसे कुछ नुकसान ना हो. लेकिन अब देश में एक ऐसा तेज गति वाला हाईवे बनाया जा रहा है, जिसमें जंगली क्षेत्र के पास अंडरपास और ब्रिज बने होंगे. ताकि जंगली जानवर इनसे होकर इधर-उधर जा सकें. यह देश का पहला सबसे तेत गति का हाईवे होगा. इसका नाम नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेस वे (Nagpur Mumbai super communication Express way) है. इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि इसमें वाहन 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकें. साथ ही जंगली जानवरों को भी नुकसान ना हो.
करीब 701 किमी लंबे और 120 मीटर चौड़े इस हाईवे का कुछ हिस्सा इस साल मई में लोगों के लिए खुल जाएगा. इसमें तीन अभयारण्य के लिए भी रास्ता दिया जाएगा. इनमें तानसा (ठाणे), कातेपूर्णा (अकोला-वाशिम बॉर्डर) और करांजा सोहोल (वाशिम) शामिल हैं. इसके अलावा इसके रास्ते में 35 वाइल्डलाइफ फोकस एरिया होंगे. इनमें से 16 विदर्भ में, 16 उत्तर पश्चिमी घाट में और 3 मराठवाड़ा में होंगे. यह करीब 118 किमी के रास्ते में पड़ेंगे.
हाईवे बनने के कारण जंगली जानवरों का जीवन भी काफी प्रभावित होता है. वह पहले की तरह इधर-उधर विचरण नहीं कर पाते. ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है.
इसके तहत जंगली जानवरों को बिना डराए या उनकी जान को बिना कोई खतरे में डाले सड़क के इधर उधर जाने देने का मकसद है. इस एक्सप्रेस वे में वाइल्ड लाइफ फोकस एरिया के अंतर्गत पांच वाइल्डलाइफ ब्रिज, विदर्भ में तीन ओवरपास और औरंगाबाद में दो ओवरपास बनाए जा रहे हैं. ऐसा भारत में पहली बार हो रहा है.
इस हाईवे के नागपुर-शिरडी रूट को 1 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जनता को समर्पित करेंगे. यह करीब 502 किमी लंबा है. वहीं बाकी बचे हिस्से को इस साल या अगले साल मई तक पूरा करके खोला जाएगा.