विनायक चतुर्थी पूजा करने से भक्तों को मिलता है ये विशेष लाभ, जानें पूजा विधि ..

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की उपासना सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले की जाती है। मान्यता है कि किसी भी मांगलिक कार्य को प्रारम्भ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और कार्य सफल होते हैं। बता दें कि ज्योतिष पंचांग के अनुसार हर मास के कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक व संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। पौष मास में विनायक चतुर्थी व्रत 26 दिसंबर 2022, सोमवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा का विधान है और माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस विशेष दिन से जुड़े कुछ उपाय और मंत्र।

विनायक चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप

* वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ।।

* नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं ।

गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च ।।

* गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।

उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ।।

* सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।

सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।।

* भगवान गणेश गायत्री मंत्र- एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ।।

विनायक चतुर्थी पर करें ये उपाय

शास्त्रों में बताया गया है कि विनायक चतुर्थी के दिन भक्त भगवान गणेश को गेंदे के फूल से बनी माला अर्पित करें और पूजा के उपरांत इसे घर के मुख्य द्वार पर लगा दें। इसके साथ गणपति बप्पा को चतुर्थी व्रत के दिन हरे रंग का वस्त्र अर्पित करें और 5 लौंग व 5 इलायची चढ़ाएं। पूजा के समय मोदक का भोग निश्चित रूप से लगाएं। मान्यता है कि इन उपायों का पालन करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि, धन एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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