नहीं रहे भाजपा के पूर्व विधायक सुंदरलाल दीक्षित

बाराबंकी के हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व विधायक सुंदरलाल दीक्षित का निधन हो गया। श्री दीक्षित शुक्रवार को सुबह मंदिर से वापस आकर अपने घर की सीढ़ियां चढ़ रहे थे इसी दौरान पैर फिसल कर गिर गए। आनन-फानन में पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदर गढ़ ले जाया गया जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की खबर सुनकर भाजपा में शोक की लहर व्याप्त हो गई। उनके घर पर सैकड़ों की संख्या में भाजपाई पहुंच रहे हैं।

तीन बार विधायक रह चुके स्वर्गीय दीक्षित : बाराबंकी जनपद की हैदर गढ़ विधानसभा में अगर राजनीतिक इतिहास खंगाला जाएगा तो भाजपा के सुंदरलाल दीक्षित और सुरेंद्रनाथ अवस्थी उर्फ पुत्तू भैया का नाम जरूर लिया जाएगा। यूं तो देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हैदर गढ़ से चुनाव उस समय लड़े जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। सुंदरलाल दीक्षित ने हैदर गढ़ में सबसे पहले वर्ष 1977 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था।

भाजपा के गठन होते ही श्री दीक्षित ने अटल बिहारी वाजपेई से प्रभावित होकर भाजपा ज्वाइन की थी। वर्ष 1980 में उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ा मगर जीत नहीं सके थे। इसके बाद 1985 में वह फिर कांग्रेस के सुरेंद्रनाथ अवस्थी से चुनाव हार गए। वर्ष 1989 में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेश के सुरेंद्रनाथ को हराया। वर्ष 1991 में वह फिर सुरेंद्रनाथ से चुनाव हार गए। वर्ष 1993 में सुंदरलाल दीक्षित पुनः चुनाव जीतकर विधायक बने। 1996 में वह चुनाव फिर हार गए।

वर्ष 2002 में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र नाथ अवस्थी ने सीट छोड़ दी और राजनाथ सिंह चुनाव जीता था। वर्ष 2007 में सुंदरलाल दीक्षित सपा के अरविंद सिंह गोप से चुनाव हार गए। वर्ष 2012 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और इसके बाद उनकी राजनीतिक पारी लगभग खत्म सी हो गई। चुनाव भले ही उन्होंने उसके बाद नहीं लड़ा हो मगर हैदर गढ़ की सक्रिय राजनीति में उनकी हिस्सेदारी कभी कम नहीं रही। बेबाक टिप्पणी सच के लिए अपनों से ही लड़ जाना उनके अखंड मिजाज की पहचान थी। यही कारण है कि कभी उन्होंने अपनी ही पार्टी की सांसद प्रियंका रावत के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। तो वर्ष 2017 में टिकट बंटवारे से नाखुश होकर वह लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष की कार के सामने लेट तक गए थे।

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