तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे, देश में चुनाव 14 मई 2023 को होंगे

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रविवार को घोषणा की है कि इस बार देश में चुनाव 14 मई 2023 को होंगे। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा रविवार को जारी किए गए एक वीडियो के अनुसार, इस बार चुनाव निर्धारित समय से एक महीने पहले 14 मई को होंगे।

तुर्की के राष्ट्रपति ने की चुनाव की घोषणा

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने उत्तर-पश्चिमी बर्सा प्रांत में शनिवार को युवा सम्मेलन के दौरान इसकी घोषणा की है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा राष्ट्रपति रेसेप तैयप का एक वीडियो भी जारी किया गया है। एर्दोगन ने कहा मैं भगवान का धन्यवाद करता हूं कि हम हमारे मूल्यवान युवाओं के साथ अपना रास्ता साझा करने वाले हैं, जो 14 मई को होने वाले चुनावों में पहली बार मतदान करेंगे।

तुर्की में पहले ही होंगे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव

राष्ट्रपति एर्दोगन ने बर्सा में कहा कि वह 10 मार्च को औपचारिक आह्वान करेंगे, जिसके बाद तुर्की की सर्वोच्च चुनाव परिषद चुनाव की तैयारी करेगा। अगर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं तो 28 मई को दूसरे चरण का मतदान होगा। बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव 18 जून को होने वाले थे, लेकिन राष्ट्रपति एर्दोगन ने पहले संकेत दिया था कि चुनाव को पहले कराया जा सकता है।

साल 2002 से सत्ता पर काबिज हैं एर्दोगन

बताते चलें कि एर्दोगन 2003 से सत्ता पर काबिज हैं। उन्होंने पहले देश के प्रधानमंत्री के रुप में जिम्मेदारी संभाली, साल 2014 के बाद से राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन अपने सबसे कठिन चुनाव का सामना कर रहे हैं, क्योंकि तुर्की की अर्थव्यवस्था बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ संघर्ष कर रही है।

राष्ट्रपति एर्दोगन को मिलेगी विपक्ष से टक्कर

जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव इस बार काफी अहम होंगे। दो दशकों में राष्ट्रपति एर्दोगन के लिए इस बार सबसे बड़ी परीक्षा होगी। इससे पहले 14 मई के चुनाव की तारीख को लेकर भी विपक्षी गठबंधन द्वारा समर्थन किया गया है। हालांकि, छह दलों के विपक्षी गठबंधन ने अभी तक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय नहीं किया है। जो एर्दोगन को टक्कर दे पाए।

एक ही दिन होते हैं राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव

इससे पहले तुर्की में प्रधानमंत्री के पास ही ताकत होती थी, लेकिन एर्दोगन ने प्रधानमंत्री का पद खत्म कर दिया और देश में राष्ट्रपति की प्रथा को शुरु किया। नई व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव एक ही दिन होते हैं। वहीं, विपक्ष ने तुर्की की आर्थिक मंदी और एर्दोगन पर नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के क्षरण का आरोप लगाते हुए कहा है कि संशोधित सरकारी प्रणाली एक-व्यक्ति शासन है।

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