संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की वंदना और आरती करने से ये विशेष लाभ मिलते है –

प्रत्येक मास के चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश को समर्पित चतुर्थी व्रत रखा जाता है। आज द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जा रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करने से कई प्रकार के दोष और बाधाएं दूर हो जाती हैं और भक्तों को सुख-शांति का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत का पारण चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है। इसलिए व्रत पारण से पहले भक्तों को श्री गणेश स्तोत्र और आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।

श्री गणेश संकट नाशन स्तोत्र

।। श्री गणेशायनमः ।।

नारद उवाच –

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ।।

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ।।

श्री गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ।।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ।।

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ।।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ।।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

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