रूस ने मदद करते हुए पाकिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजा
पाकिस्तान की आर्थिक हालात काफी खराब हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कर्ज देने में तमाम तरह की आनाकानी कर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार भी लगभग खाली हो गया है। पिछले साल आई बाढ़ और फिर आए आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान में लोग भूख से तड़प रहे हैं। राशन, पेट्रोल, बिजली समेत अन्य चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तानी जनता के बुरे हालात को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मदद को सामने आए हैं। रूस ने पाकिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन रूसी गेहूं भेजा है। दूसरे देशों के सामने लगातार हाथ फैलाने की वजह से पाकिस्तानी पीएम शहबाज पर सवाल उठ रहे हैं कि वे ऐसा कब तक करते रहेंगे? वहीं, पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति देखते हुए ज्यादातर देशों ने मदद करनी भी बंद कर दी है।
ग्वादर पोर्ट पहुंचा गेहूं से लदा जहाज
रूस से पाकिस्तान के लिए 50,000 मीट्रिक टन गेहूं लेकर पहला जहाज गुरुवार को ग्वादर बंदरगाह पहुंचा। पाकिस्तान की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने पिछले साल रूस से 450,000 मीट्रिक टन गेहूं के आयात के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी। फरवरी से मार्च तक 372 डॉलर प्रति मीट्रिक टन गेहूं के आयात की मंजूरी पिछले साल पाकिस्तान में हजारों एकड़ में खड़ी फसल के बह जाने के बाद दी गई थी। ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण (जीपीए) के अध्यक्ष पासंद खान बुलेदी ने कहा कि पहला जहाज 50,000 मीट्रिक टन गेहूं लेकर ग्वादर बंदरगाह पहुंचा।
चार लाख मीट्रिक टन गेहूं और मंगाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान शेष 400,000 मीट्रिक टन गेहूं रूस से आठ अन्य मालवाहक जहाजों के माध्यम से आयात करेगा। बुलेदी ने कहा, “गेहूं के आयात को संभालने के लिए ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान (टीसीपी) और ग्वादर इंटरनेशनल टर्मिनल लिमिटेड (जीआईटीएल) के बीच एक समझौते के तहत पहले ही व्यवस्था की जा चुकी थी।” गेहूं के अलावा, पाकिस्तान ने इस साल सस्ते तेल और गैस के आयात के लिए मॉस्को के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए क्योंकि दक्षिण एशियाई देश गंभीर विदेशी मुद्रा संकट के कारण अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
पहले बाढ़ और फिर आर्थिक संकट से टूटी पाक की कमर
पिछले साल मध्य जून से अक्टूबर के महीने तक पाकिस्तान के कई हिस्से भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को जमकर नुकसान हुआ। 1739 लोगों की जान चली गई, जबकि 3.2 ट्रिलियन का डैमेज हो गया। 26 अगस्त को पाकिस्तान ने बाढ़ की वजह से इमरजेंसी का भी ऐलान कर दिया था। बाढ़ की चपेट में आने की वजह से कई हजारों एकड़ खेत और उसमें लगी फसलें तबाह हो गईं, जिसकी वजह से पाकिस्तान की जनता दाने-दाने को मोहताज है। वहीं, गलत नीतियों के चलते वर्तमान समय में पाकिस्तान आर्थिक संकट का भी सामना कर रहा है। रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों के दाम काफी बढ़ चुके हैं। बाढ़ और आर्थिक हालात खराब होने की वजह से पड़ोसी देश की कमर टूट गई है।