मोटे अनाज के स्टोर पर प्रति इकाई 20 लाख का सहयोग देगी UP सरकार

यूपी में मोटे अनाजों और उससे बनने उत्पादों की बिक्री के लिए मोबाइल आउटलेट संचालित किये जाएंगे। साथ ही राज्य के प्रमुख शहरों में मोटे अनाज के स्टोर भी स्थापित होंगे। मोबाइल आउटलेट पर प्रति इकाई 10 लाख और मोटे अनाज के स्टोर पर प्रति इकाई 20 लाख रुपये का सहयोग सरकार देगी। मोटे अनाज (श्री अन्न) की विभिन्न फसलों, उनके विभिन्न उत्पाद और पोषण में महत्व को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।

इसकी 75 प्रतिशत धनराशि का इस्तेमाल मोटे अनाज के उत्पादों पर और 25 प्रतिशत हिस्सा मोबाइल आउटलेट व स्टोर की साज सज्जा पर खर्च किया जाएगा। छोटे कस्बों, शहरी आबादी और छोटे शहरों में इनका संचालन किसानों, कृषक उत्पादक संगठनों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों के जरिये करवाया जाएगा। यही नहीं मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, कोदों, सांवा, रागी/मडुआ आदि से बने व्यंजनों को होटलों और रेस्टोरेंट में भी परोसा जाएगा। इसके लिए होटल एण्ड रेस्टोरेण्ट एसोसिएशन से भी मदद ली जाएगी। मोटे अनाज से बने व्यंजनों को तैयार करने के बाबत शेफ प्रशिक्षित होंगे। पर्यटन विभाग मोटे अनाज से बने उत्पादों पर आधारित मेलों का आयोजन करवाएगा।

पाठ्यक्रम में शामिल होगी मोटे अनाज की जानकारी
प्रदेश सरकार ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में मोटे अनाज की जानकारी को भी शामिल करने का फैसला किया है। इस बारे में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि मोटे अनाज (श्री अन्न) की विभिन्न फसलों, उनके विभिन्न उत्पाद और पोषण में महत्व को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। राज्य में मोटे अनाज के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। यह भी कहा गया है कि मोटे अनाज के लाभकारी गुणों के संबंध में अध्यापकों को प्रशिक्षित करवाने की कार्यवाही सुनिश्चत की जाए। जिससे वह छात्र-छात्राओं को उसके प्रति जागरूक बना सकें।

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