आईए जानते है रंग पंचमी का महत्व…
होली के बाद हिंदू धर्म में रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल रंग पंचमी 12 मार्च, रविवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। रंग पंचमी का पर्व होली त्योहार के पांच दिन बाद मनाया जाता है। होली का पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाता है और पंचमी तिथि तक चलता है। पंचमी के दिन मनाए जाने के कारण रंग पंचमी कहा जाता है। यह त्योहार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारक के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रंग पंचमी के दिन दैवीय शक्तियां नकारात्मक शक्तियों से ज्यादा होती हैं। राधारानी के बरसाने में इस दिन उनके मंदिर में विशेष पूजा और दर्शन लाभ होते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था।
रंग पंचमी 2022 का शुभ मुहूर्त
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – मार्च 11, 2023 को 10:05 पी एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – मार्च 12, 2023 को 10:01 पी एम बजे
रंग पंचमी मनाने की विधि-
1. इस दिन लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर रंग पंचमी की बधाई देते हैं।
2. इस दिन राधा-कृष्ण को भी अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है।
3. इस दिन शोभा यात्रा निकाली जाती है।
रंग पंचमी का महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन रंगों का प्रयोग करने से दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। माना जाता है कि इस दिन जो रंग एक-दूसरे को लगाते हैं वह आसमान की ओर उड़ाते हैं। ऐसा करने से देवी-देवता आकर्षित होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।