प्रेगनेंसी में हाथ पैरों में सुन्न होने की समस्या होती है, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय-

प्रेगनेंसी में महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। दरअसल गर्भधारण के समय भ्रूण के विकास की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस समय महिलाओं के हार्मोन में उतार चढ़ाव तेजी से होता है। हार्मोन बदलाव की वजह से महिलाओं को पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, मांसपेशियों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना और चक्कर आना आदि कई लक्षण महसूस होते हैं। इसके साथ ही उन्हें हाथ और पैरों में सुन्न होने की समस्या होने लगती है। ये समस्या प्रेगनेंसी में दिखाई देना एक आम लक्षण है, अधिकतर महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी की तीनों तिमाही में महिलाओं को हाथ-पैरों के सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इसका मुख्य कारण नींद की कमी और बैठने का गलत तरीका माना जाता है। इस लेख में आपको  गर्भावस्था में हाथ पैर सुन्न होने के लक्षण, कारण और कुछ उपाय बताए गये हैं। इस समस्या पर हमने मैक्स अस्पताल पड़पड़गंज की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. परीणिता कालिता से बात कि तो उन्होंने प्रेगनेंसी में हाथ पैरों में सुन्न होने के कारण, लक्षण और उपायों को विस्तार से बताया।  

प्रेगनेंसी में हाथ-पैरों सुन्न होने के कारण क्या हो सकते हैं?

प्रेगनेंसी में हाथ पैरों के सुन्न होने के कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों को आगे बताया गया है।  

नसों में दबाव पड़ना 

गर्भावस्था में भ्रूण का आकार बढ़ने से पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। इसकी वजह से पैरों की नसों में दबाव उत्पन्न होता है। जिसकी वजह से महिलाओं को मुख्य रूप तीसरी तिमाही में पैरों में सुन्न होने की समस्या होती है।  

हार्मोन का बदलाव होना 

हार्मोन में उतार चढ़ाव होने से मुख्य रूप से लिगामेंट पर असर पड़ता है। इस समय लिगामेंट भ्रूण के लिए जगह बनाता है। इस दौरान महिला को खड़े होने में परेशानी होती है और उनके पोस्चर में भी बदलाव होता है। इसकी वजह से नसों में दबाव होता है और उनकी जांघों, पैरों और कूल्हा सुन्न हो जाता है। 

वाटर रिटेनशन  

दूसरी तिमाही के समय महिलाओं के शरीर में वाटर रिटेनशन बढ़ जाता है। इस वजह से उनके हाथ और पैरों में सूजन आने लगती है। सूजन के साथ ही उनके हाथ और पैरों में सुन्न होने की समस्या भी होने लगती है। इस समय महिलाओ को हाथ-पैरों में झुनझुनी भी महसूस होती है।  

प्रेगनेंसी में हाथ पैरों सुन्न होने के अन्य कारण  

  • आयरन की कमी, 
  • प्री एक्लेम्पसिया,  
  • विटामिन बी 12 की कमी होना,  
  • प्रेगनेंसी में डायबिटीज होना, आदि।  

प्रेगनेंसी में हाथ पैर सुन्न होने पर महसूस होने वाले लक्षण –

प्रेगनेंसी में हार्मोन बदलाव, विटामिन की कमी या नसों में दबाव की वजह से आपको हाथों, पैरों और उंगलियों में सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही महिलाओं को कुछ अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं, जिनकों आगे बताया गया है।  

प्रेगनेंसी में हाथ पैर सुन्न होने पर क्या उपाय अपनाएं?

  • हाथ पैरों में खिंचाव देते रहें। इससे सुन्न होने की समस्या में आराम मिलता है।  
  • सोते समय हाथ को दबाकर न सोएं। इससे भी हाथ में सुन्न हो सकता है। 
  • हाथों व पैरों की सूजन को कम करने के लिए आप बर्फ की ठंडी सिकाई कर सकती हैं। 
  • एक ही पोस्चर में ज्यादा देर तक न खड़े रहें।  
  • एक पैर पर वजन डालकर खड़े होने से भी बचें। इससे आपके एक पैर पर अधिक दबाव पड़ता है। 
  • सोते समय पैरों के बीच में तकिया लगाकर सोएं। 
  • हाथ व पैरों में सुन्न की समस्या होने पर हल्के गर्म पानी में हाथों व पैरों को कुछ समय के लिए डालकर सिकाई करें। 

प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की समस्या होने पर आपको उसे अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इस समय किसी भी परेशानी में तुरंत नजदीकी डॉक्टर से मिलकर सही सलाह लेना बेहद जरूरी है।

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