धामी सरकार ने कोरोना संक्रमण रुकने के लिए बनाया प्लान, पढ़े पूरी खबर..
उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्लान बनाया है। कोरोना संक्रमित छात्रा की मौत के बाद उत्तराखंड सरकार अलर्ट हो गई है। प्रशासन, और स्वास्थ्य अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिया गया है कि प्रदेश में संक्रमण को फैलन से रोकने के लिए कारगर प्लान बनाकर कार्य किया जाए।
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अफसरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य की तैयारियों का ब्यौरा रखा। बताया कि कोरोना रोकथाम को सरकार पूरी तरह मुस्तैद है। तैयारियां परखने को 10 अप्रैल को राज्य में सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत सचिवालय से वर्चुअल बैठक में जुड़े। केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों से वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने, अधिक से अधिक संख्या में आरटीपीसीआर जांच और जीनोम सिक्वेसिंग कराने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है। सरकार हर आपात स्थिति से निपटने को तैयार है।
अभी कुल 98 एक्टिव कोविड मरीज हैं। प्रदेश में कोरोना जांच और वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने को नौ अप्रैल को सभी डीएम, सीएमओ की वर्चुअल बैठक होगी। 10 अप्रैल को मॉक ड्रिल होगी। बताया कि राज्य में 26 फीसदी लोगों को प्रिकॉशन डोज लग चुकी है। 12 वर्ष से अधिक उम्र वालों को पहली और दूसरी डोज शत प्रतिशत लग चुकी है।
कोविड जांच को प्रदेश में 11 राजकीय जांच केन्द्रों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। हर दिन 13 हजार से 15 हजार सैंपल जांच करने की क्षमता है। जीनोम सीक्वैनसिंग जांच को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, हल्द्वानी और अल्मोड़ा में लैब कार्यशील है। अस्पतालों में कुल 7703 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 852 आईसीयू बेड और 1165 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, अपर सचिव अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ सरोज नैथानी, डॉ सुजाता, डॉ मीतू शाह आदि मौजूद रहे।
हर महीने होगी खर्च की समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभागीय बजट को समय पर खर्च करना होगा। ये सुनिश्चित कराने को अब हर महीने बजट खर्च की समीक्षा होगी। स्वीकृत बजट समय पर खर्च न होने से बजट लैप्स हो जाता है। इससे कई अहम योजनाएं अधर में लटक जाती हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में बजट खर्च करने की परिपाटी खत्म की जाएगी।