उत्तर प्रदेश में मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में तेज आंधी पानी के दिए संकेत
प्रदेशवासियों को अगले 24 घंटे में चिलचिलाती धूप और गर्म हवा से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ जिलों में तेज आंधी-पानी का अलर्ट जारी किया है। जल्द बादलों की आवाजाही शुरू होने से तापमान में भी गिरावट आएगी।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में गरज और चमक के साथ बारिश का अंदेशा जताया है। वही शुक्रवार को प्रदेश के 30 जिलों और शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में छिटपुट बारिश के आसार जताए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम दानिश के अनुसार, गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत तराई बेल्ट और लखनऊ से सटे कुछ जिलों में छिटपुट बौछार कर सकती है। वहीं शुक्रवार से बारिश के आसार मध्य से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में नजर आएंगे। 23 अप्रैल की सुबह तक पूर्वांचल के अलग-अलग हिस्सों में बौछार पड़ सकती है। अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट प्रदेश भर में दर्ज की जाएगी। सोमवार से तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तापमान 40 डिग्री से अधिक से अधिक तापमान प्रयागराज में 44.5 डिग्री सेल्सियस और झांसी में 45.6 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान में भी पारा दो से चार डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
सबसे कम तापमान मुजफ्फरनगर में 17.6 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया।मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, लखनऊ और आसपास के जिलों में गुरुवार को बादलों की आवाजाही बनी रहती है। प्रदेश के कुछ जगहों पर बौछार पड़ सकती है। अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज हो सकता है।
दोपहर में घरों से निकलने में कतराने लगे लोग
कानपुर में बुधवार को अधिकतम तापमान मंगलवार की तरह 41.2 डिग्री सेल्सियस ही रहा लेकिन रात में तापमान बढ़ने की वजह से पूरे दिन लोगों ने गर्मी महसूस की। हाल यह रहा कि दिन में लोग छांव तलाशते देखे गए। लगातार दो दिन गर्मी पड़ने से लोगों ने दोपहर में घर से निकलना कम कर दिया है। पश्चिमी समुद्र से उठी हवाओं से बने वर्षा के मौसम का असर शहर में दिखने लगा है। बुधवार को अधिकतम तापमान स्थिर बना रहा जबकि गुरूवार से तापमान में कमी आने के संकेत हैं।
दूसरी ओर सापेक्षिक आर्द्रता में कमी आने को मौसम विज्ञानी ज्यादा खतरा मान रहे हैं। इससे शरीर का पसीना न सूखने की समस्या हो सकती है जो मौसम विज्ञान के वेट बल्ब तापमान का संकेत दे रही है। पड़ोस के राज्यों की संभावित बारिश से अगले 2 दिन के दौरान तापमान 40 डिग्री से नीचे जाने की उम्मीद है। गर्मी से बचाव के लिए तैयार हो रही योजना चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मौसम में तीव्र बदलाव हो रहे हैं।
अधिकतम तापमान और कुछ दिन कम तापमान से शरीर की तापमान संतुलन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। वेट बल्ब तापमान भी सक्रिय है। इससे बचाव के लिए हीट एक्शन प्लान पर काम हो रहा है। देश के 18 राज्यों में 37 ऐसे क्षेत्र पहचाने गए हैं जहां अधिकतम तापमान इंसानी शरीर की सहन क्षमता से काफी ऊपर जा सकता है।
क्या है वेट बल्ब तापमान
”वेट-बल्ब” तापमान वह स्थिति है जिसमें वायुमंडल में वाष्पीकरण कम होने लगता है। इससे शरीर का पसीना सूख नहीं पाता। पसीना सूखने से शरीर का आंतरिक तापमान नियंत्रित होता है। अगर छह घंटे तक कोई इंसान गर्मी में रहे और उसके शरीर का पसीना सूखना बंद हो जाए तो वेट बल्ब तापमान नियम लागू होता है। वेट बल्ब तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर जान जाने का खतरा होता है।