मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में कई गंभीर चोटें खाई, लेकिन कभी हार नहीं मानी..
शायद ही कोई ऐसा खिलाड़ी है, जिसने अपने करियर में चोट न खाई हो। खेल के दौरान गंभीर चोट लगने से कई खिलाड़ियों का तो करियर ही खत्म हो जाता है। वहीं, अपने दो दशक के शानदार क्रिकेट करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर ने न जाने कितनी ही चोट खाई हैं, लेकिन हर बार कमबैक करके अपने फैंस के दिलों पर राज किया है।
जीता फैंस का दिल
कई बार तेंदुलकर के फैंस को लगता था कि उनका करियर खत्म हो गया, लेकिन फिर भी वो मैदान में अपनी पहले जैसी वापसी करके सबको हैरान कर देते थे। गंभीर से गंभीर चोटें खाने के बाद भी मास्टर ब्लास्टर ने हमेशा मैदान में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाकर फैंस का भरपूर मनोरंजन किया और आलोचकों के मुंह पर ताला लगा दिया है। अपने 24 साल के लंबे क्रिकेट करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।
साल 1999 के बाद आईं कई गंभीर चोटें
सचिन तेंदुलकर के स्वर्णिम क्रिकेट करियर में साल 1999 के बाद कई चीजें बदली। उस साल मार्च-अप्रैल में, एक पीठ की चोट ने उन्हें भारत में होने वाले पाकिस्तान और श्रीलंका की ट्री-सीरीज और शारजाह में होने वाले पाकिस्तान और इंग्लैंड की ट्री-सीरीज मैच से बाहर कर दिया।
कई बार छोड़ना पड़ा खेल का मैदान
2001 में, सचिन को पैर की अंगुली में काफी गंभीर चोट आई थी, जिस कारण न्यूजीलैंड और मेजबान श्रीलंका के खिलाफ ट्री-सीरीज से बाहर होने के लिए मजबूर हो गए थे। 2002 में, मास्टर ब्लास्टर के जांघ की चोट ने उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज से बाहर रखा और उसी वर्ष हैमस्ट्रिंग की चोट ने उन्हें इंडिया में वेस्टइंडीज के साथ खेलने से भी दूर कर दिया था।
2004 में लगा ब्रेक
अगस्त 2004 में सचिन को अपनी एक गंभीर चोट के बारे में पता लगा। दरअसल, उनके कोहनी में बहुत गंभीर चोट आई थी, जिसके कारण उन्हें दो महीने से अधिक समय के लिए खेल के मैदान से बाहर रहना पड़ा। पूरे भारत को पता चल गया कि टेनिस एल्बो की चोट क्या है। इसके बाद अक्टूबर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच वापसी की और मई 2005 तक खेलना जारी रखा।
सर्जरी के लिए लंदन गए थे मास्टर ब्लास्टर
इस चोट से उभरने के लिए सचिन को लंदन में सर्जरी करानी पड़ी थी। सर्जरी के बाद लगभग पांच महीनों के बाद श्रीलंका के खिलाफ अक्टूबर 2005 के मैच में सचिन ने शानदार वापसी की। सचिन ने बताया था कि यह पांच महीने का समय उनकी जिंदगी का काफी बुरा वक्त रहा था, लेकिन उनके दोस्तों और परिवार वालों ने उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी थी।
सर्जरी के बाद खेली यादगार पारी
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बताया था कि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कई गंभीर चोटें खाई थीं, लेकिन कोहनी के इस चोट के बाद उन्हें लगता था कि उनका करियर खत्म हो गया। हालांकि, श्रीलंका के खिलाफ मैच में अपनी वापसी करने में सचिन ने 97 रनों की शानदार पारी खेलकर सबके होश उड़ा दिए थे। यहीं से सचिन में दोबारा आत्मविश्वास बढ़ा था। उस दौरान भारत ने 350/6 की पारी से श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल की थी।
हर चोट के बाद शानदार कमबैक
सचिन तेंदुलकर ने कई इंटरनेशनल मैच और आईपीएल के दौरान भी चोटें खाई, लेकिन हार माने बिना मैदान में जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया था। सचिन के डॉक्टरों का कहना था कि सचिन को इलाज के लिए जो भी चीजें कही जाती थी, वो उन्हें अच्छे से फॉलो करते थे और जल्द से जल्द मैदान में वापसी करते थे। कई मौकों पर, लोगों ने सचिन को उनकी चोटों के कारण नकारा था, लेकिन उन पर शक किया, लेकिन अपने प्रदर्शन से वो हमेशा खेल में जान डालते रहे थे।