गोवा में आज से शुरू हुआ शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के विदेश मंत्रियों की दो दिन की बैठक…
शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के विदेश मंत्रियों की दो दिन की बैठक आज से गोवा में शुरू होगी। पाकिस्तान और चीन सहित आठ देशों के विदेश मंत्रियों के गोवा पहुंचने और बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को गोवा में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘कल की एससीओ महासचिव, रूस, चीन और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर की द्विपक्षीय बैठकें होंगी।’
कई मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
बैठक में शामिल सदस्य देश इस सम्मेलन में क्षेत्रीय चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। सबसे ज्यादा चर्चा एस. जयशंकर व बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच सम्मेलन से अलग द्विपक्षीय बैठक की संभावना पर हो रही है।
विदेश मंत्री एस जयंशकर ने लिया तैयारियों का जायजा
‘एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023’ की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
बैठक में शामिल देशों के विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसके विदेश मंत्री किन गांग विभिन्न क्षेत्रों व विषयों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात पर सदस्यों से अपना नजरिया साझा करेंगे। वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अंतरराष्ट्रीय मामलों व स्थानीय एजेंडे को भारत में विचार-विमर्श के लिए उठाएंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सम्मेलन में भागीदारी का अवसर मिलने पर खुशी जताई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा था कि उनकी भागीदारी पाकिस्तान का एससीओ चार्टर और विदेश नीति की प्राथमिकताओं के प्रति समर्पण दर्शाती है।
भारत ने पिछले वर्ष भी संभाली थी एससीओ समूह की अध्यक्षता
भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में एससीओ समूह की अध्यक्षता संभाली थी, जो इस वर्ष बैठक की मेजबानी कर रहा है। समूह के सदस्यों में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश-कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।