कर्नाटक वीरशैव लिंगायत फोरम ने अपना समर्थन कांग्रेस के पक्ष में देने की कर दी घोषणा

कर्नाटक वीरशैव लिंगायत फोरम ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपना समर्थन देने के लिए एक आधिकारिक पत्र जारी किया। फोरम ने लिंगायत समुदाय के लोगों से कांग्रेस को वोट देने का आग्रह किया।

कांग्रेस कर रही समुदाय को रिझाने की कोशिश

इस बार राज्य में जीत हासिल करने और वोटों की गिनती बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने राज्य के प्रमुख समुदाय को रिझाने की कोशिश की है। कांग्रेस ने 165 उम्मीदवारों में से लिंगायत समुदाय के सदस्यों को 30 और वोक्कालिगा समुदाय के सदस्यों को 24 टिकट आवंटित किए हैं। पार्टी के इस फैसले का उसपर काफी साकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

पहले भी पार्टी ने किया समुदाय का समर्थन

2018 में, लिंगायत समुदाय के लोगों द्वारा एक अलग धर्म की मांग की गई थी, जिसके लिए उन्होंने आंदोलन भी किया था। इस आंदोलन को कांग्रेस का पूरा समर्थन मिला था। साथ ही, उस दौरान पार्टी ने इस समुदाय के सदस्यों को 42 सीटें दी थीं।

बीजेपी के खिलाफ गुस्से में है समुदाय

हमेशा से लिंगायत समुदाय बीजेपी का वोट बैंक रहा है और 1980 के दशक से पार्टी के नेता बी.एस. येदियुरप्पा, जो इसी समुदाय से आते हैं, उन्होंने लिंगायत समर्थन और आधार को विकसित करने के लिए शुरू से काफी प्रयास किया है। हालांकि, येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने के बाद से ही समुदाय बीजेपी के खिलाफ गुस्से में हैं।

जगदीश शेट्टार ने का कहना है कि भाजपा में लिंगायत समुदाय के प्रभाव को व्यवस्थित रूप से कम करने की कोशिश की जा रही है। कर्नाटक में लिंगायत के पास 17 प्रतिशत वोट बैंक है और अब तक राज्य में नौ लिंगायत मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

कांग्रेस में बढ़ी जीत की उम्मीद

कांग्रेस नेताओं, शमनूर शिवशंकरप्पा और जगदीश शेट्टर ने रविवार सुबह हुबली में लिंगायत समुदाय के संतों से मुलाकात की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह संगमंथा मंदिर का दौरा किया था, जो लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक बसवेश्वर की पवित्र समाधि है, जिसे बसवन्ना के नाम से भी जाना जाता है। 10 मई को होने वाले चुनाव में कांग्रेस को शक्तिशाली लिंगायत संप्रदाय का समर्थन मिलने के बाद से उनमें के एक वर्ग द्वारा विस्तारित समर्थन ने कांग्रेस में काफी विश्वास का प्रवाह किया है।

राज्य में लिंगायत समुदाय का दबदबा

राज्य में लिंगायत समुदाय का कितना दबदबा है, इस बात का पता समाज के विधायकों की संख्या से ही लगाया जा सकता है। कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र लिंगायत बहुल इलाका है, यहां से 50 विधायक चुने जाते हैं। यही कारण है कि प्रत्येक विधानसभा चुनावों में ये किंगमेकर की भूमिका में होती है। इस क्षेत्र में 7 जिले आते हैं, जिनमें बागलकोट, धारवाड़, विजयपुरा, बेलगावी, हावेरी, गडग और उत्तर कन्नड़ शामिल हैं।

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