क्या आप जानते हैं कि वजन बढ़ने की एक बड़ी वजह हार्मोन में बदलाव भी है, एक्सपर्ट से जानें, इसकी वजह-
वजन बढ़ना एक सामान्य समस्या है। लगभग हर उम्र वर्ग के लोग मोटापे का शिकार हैं। इसके पीछे सिर्फ लाइफस्टाइल और खराब खानपान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी इसकी एक ठोस वजह है। हालांकि, ज्यादातर महिलाएं इस सच से वाकिफ नहीं हैं इसलिए मोटापे को कम करने के लिए झट से एक्सरसाइज या डाइटिंग के ऑप्शना को चुन लेती हैं। परेशानी तब होती है जब तमाम कोशिशों के बावजूद वजन में कमी नहीं आती है। दरअसल, अपने वेट को कम करने से पहले इसकी वजह को जान लेना जरूरी है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर हार्मोन की वजह से किस तरह महिलाओं का वजन बढ़ सकता है। इस संबंध में नई दिल्ली और वृंदावन स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से से विस्तार से जानते हैं।
वजन बढ़ने में हार्मोन की भूमिका
विशेषज्ञों की मानें, तो मोटापे और शरीर के वजन बढ़ने में कई तरह के हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। इसमें लेप्टिन, इंसुलिन, सेक्स हार्मोन और ग्रोथ हार्मोनशामिल हैं। कई तरह के अध्ययनों से यह बात साबित हुई है कि हार्मोन की वजह से भूख, मेटाबॉलिज्म और फैट डिस्ट्रिबियूशन का गहरा असर पड़ता है। असल में, हार्मोन में इंबैलेंस होने की वजह से बॉडी फैट बढ़ जाता है, जो बर्न नहीं होती हैं। यही कारण है कि कुछ महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होने के कारण मोटापा बढ़ता रहता है। ऐसा हर उम्र के महिला के साथ हो सकता है, फिर चाहे उसे मेनोपॉज हो चुका हो या न हुआ हो।
किन हार्मोन की कमी के कारण वजन बढ़ता है
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि हार्मोन हमारे शरीर पर गहरा असर डालता है। इस वजह से मोटापा भी बढ़ सकता है। यहां कुछ ऐसे हार्मोन के बारे में बता रहे हैं, जिसमें असंतुलन के कारण मोटापा बढ़ सकता है-
एस्ट्रोजेन की कमी
एस्ट्रोजेन एक किस्म का हार्मोन है। अगर महिला में इस हार्मोन की कमी हो जाए, तो जांघों और कूल्हों यानी थाईज और हिप्स के एरिया में फैट जमा होने लगता है। इस तरह की समस्या आमतौर पर कम उम्र के महिलाओं में नजर नहीं आती है। विशेषज्ञों की मानें, तो 45 से 55 साल के बीच, जिन महिलाओं को मेनोपॉज हो चुका है, उन्हें इस तरह की समस्या ज्यादा होती है। असल में, इस उम्र में पीरियड्स बंद हो जाते हैं, जिस कारण प्राकृतिक रूप से एस्ट्रोजेन नाम के हार्मोन में गिरावट आने लगती है।
हाइपोथायरायडिज्म
यदि आपका शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है, तो आपको हाइपोथायरायडिज्म है। थायरॉयड एक किस्म की ग्रंथी है, जो गर्दन के पीछे स्थित है। यह आपको स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। थाइरॉयड सही तरह से काम करे, तो आप स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। असल में, यह शरीर में आवश्यक ऊर्जा का प्रोड्यूस करता है। वहीं, अगर थायरॉयड हार्मोन में गड़बड़ी हो, तो वजन बढ़ने लगता है।
पीसीओएस
पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम। यह एक ऐसी समस्या है, जो पीरियड्स में अड़चनें पैदा कर सकती है। यहां तक कि अगर टीनेज में हो, जब लड़कियों को प्यूबर्टी होती है, तो यह समस्या हार्मोन को इंबैलेंस कर सकती है। इस तरह के समस्या की वजह से महिला का वजन बढ़ सकता है। अगर समय रहते पीसीओएस का इलाज न कराया जाए, तो महिला को अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सेक्स हार्मोन
शरीर में फैट को एस्ट्रोजेन और एण्ड्रोजन द्वारा कंट्रोल किया जाता है। एस्ट्रोजेन एक महिला हार्मोन है, वहीं एण्ड्रोजन पुरुष हार्मोन के तौर पर जाना जाता है। कम उम्र में यह दोनों ही हार्मोन काफी सक्रिय होते हैं और बॉडी के निचले हिस्से में फैट जमा नहीं होने देते है। वहीं, सेक्स हार्मोन में बदलाव होने के कारण शरीर में फैट जमा होने लगता है, जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं मे हार्मोन के असंतुलन की वजह से मोटापा बढ़ सकता है।
ये भी हैं वजह
हार्मोनल बदलाव के कारण वजन बढ़ने के निम्न कारण भी हो सकते हैं-
- थायराइड हार्मोन की कमी
- एस्ट्रोजेन डोमिनेंस
- एण्ड्रोजन असंतुलन
- इंसुलिन प्रतिरोध
- मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम
- पीसीओएस
- ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी
- कोर्टिसोल की अधिकता
- लेप्टिन प्रतिरोध
- प्रोलैक्टिन की अधिकता
- पिट्यूटरी अपर्याप्तता
ऐसे में आप क्या करें
हार्मोनल बदलाव के कारण अगर मोटापा बढ़ रहा है, तो ऐसी स्थिति में आपको चाहिए कि डॉक्टर से संपर्क करें और अपना प्रॉपर इलाज कराएं। इसके अलावा, आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके भी अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते हैं। हार्मोन की वजह से बढ़ते मोटापे के ट्रीटमेंट की बात करें, तो विशेषज्ञ मरीज की स्थिति देखते हुए हार्मोन रिप्लेसमेंट, मेडिकेशन और एपेटाइट मैनेजमेंट की मदद से ऐसा कर सकते हैं।