सीजन बदलते ही सर्दी-जुकाम ने लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया, तो आप आयुर्वेद के बताये ये घरेलू उपचार करें-

सीजन बदलते ही जुकाम-बुखार ने फिर से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। तेज बारिश और उमस के बीच वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शंस बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतने की खास जरूरत है। कुछ आयुर्वेदिक उपाय और होम रेमेडीज हैं जो इस सीजन आपकी काफी मदद करेंगे। अगर आपका गला खराब है, बुखार, जुकाम या खांसी हो गई है तो आयुर्वेद के सुझाए ये उपाय कर सकती हैं।

पानी पीने में बरतें ये सावधानी
बरसात के मौसम में जहां मच्छर आपको बीमार करते हैं। वहीं गंदा पानी बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह बन सकता है। इन सबके अलावा सीजनल वायरल फ्लू भी लोगों की मुसीबत बढ़ा रहा है। इस मौसम में कुछ सावधानियां रखनी बेहद जरूरी हैं। जैसे अगर आप वॉटर प्योरिफायर का इस्तेमाल नहीं करते तो पानी उबालकर पिएं। बाहर से आने के बाद सबसे पहले हाथ धोएं। वायरल के हल्के लक्षण दिखने के साथ ही सावधान हो जाएं और बचाव के उपाय करने लगें। आपको कोई दिक्कत नहीं भी है तो हफ्ते में एक या दो बार गुनगुने पानी से गर्गल कर लें। अगर इन्फेक्शन हो भी जाती है तो ये आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं।

लें प्रॉपर रेस्ट
इन्फेक्शन के लक्षण दिखते ही नमक के पानी से कुल्ला करें। भाप लें। ढेर सारा पानी पिएं और खूब रेस्ट करें। आराम करना आपको रिकवर होने में मदद करेगा। ध्यान रखें कि खाना हल्का खाएं और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा लें। 

आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा ने अपने इंस्टा पेज पर कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि 1 चम्मच सूखे सौंठ के पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार खाना खाने के आधे घंटे के पहले लें। यह खांसी-जुकाम के लक्षणों में राहत देगा। बच्चों को चौथाई चम्मच दें।

-एक चम्मच हल्दी में चुटकी भर काली मिर्च और शहद मिलाकर दिन में दो बार खाने के बाद लें। बच्चों को यह डोज आधी करके दें।

-अलग-अलग तरह की चाय पीते हैं, जैसे तुलसी, मेथी, जिंजर-मिंट और मुलेठी। 

-दिन में 2-3 बार हल्दी और नमक के पानी से कुल्ला रें।

-पानी में अजवाइन, मेथी और हल्दी मिलाकर भाप लें। 

-पूरे दिन गरम पानी पीते रहें। दिन में दो बार भस्त्रिका, अनलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायम करें। इन्हें सुबह और रात में करना है। 

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