उत्तर प्रदेश के जौनपुर में उगती है विश्व की सबसे बड़ी मूली, आदमी भी पड़ जाते हैं छोटे
जौनपुर। आज हम जिस जौनपुर की मूली की बारे में चर्चा करने जा रहे हैं यदि आपने उस जौनपुर की मूली को नहीं देखा तो सच मानिये कुछ नहीं देखा। यदि हम आपको उस जौनपुर की मूली का साइज बता दें तो आप निश्चय ही आश्चर्यचकित तरह जाएंगे। इस मूली की लंबाई लगभग 7 फीट और मोटाई ढाई फीट से भी अधिक होती है। इतनी विशालकाय मूली बन जाने को ले कर न जाने कितने शोध कार्य किए जा रहे हैं।यह जौनपुर की अद्भुत मिट्टी है और गोमती नदी का जल है जो इतनी लंबी चौड़ी मूली पैदा कर रही है। इस मूली की पैदावार बहुत पुरानी है। स्थानीय कृषक बताते हैं कि जौनपुर की यह मूली एक विशेष प्रजाति की है जिसे नेवार प्रजाति के नाम से जाना जाता है।
क्या इसके पीछे की वजह केवल जौनपुर की मिट्टी ही है ?
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी सिंह का कहना है कि बड़ी मूली की पैदावार के पीछे जौनपुर की खास मिट्टी और यहां की जलवायु तो है ही साथ मूली की फसल के पहले बोये जाने वाली तंबाकू की फसल भी इसका प्रमुख कारण है।
तंबाकू के बोये जाने के पश्चात यहाँ की जमीन की उर्वरा शक्ति कई गुना हो जाती है जो लंबी चौड़ी पैदा होने वाली मूली को भरपूर पोषक तत्व प्रदान करती है। जौनपुर की आश्चर्यजनक आकार की यह मूली सवाल के रूप में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाती है। जौनपुर के लोगों को इस बात का बड़ा गर्व है। इस लंबी चौड़ी मूली ने उनके जिले जौनपुर को, पूरे विश्व में प्रसिद्ध बना दिया है।
मूली की पैदावार के समय यह इस जिले की खास बात बन जाती है। देश विदेश के अखबारों और समाचार पत्रों में इसको स्थान मिलने लगता है। विदेशी पर्यटक जब भी भारत आते हैं तो जौनपुर की मूली उनका एक आकर्षण का केंद्र होता है क्योंकि इतनी लंबी चौड़ी मूली विश्व में कहीं नहीं पैदा होती है।
इस मूली का वजन जानकर आप अचरज में पड़ जाएंगे इस विशाल मूली का वजन 16 किलोग्राम तक होता है। यह मूली जौनपुर जिले में मखदूम शाह अढन, खासनपुर और तालतला आदि क्षेत्रों में पैदा होती है। किसी भी नेता या विशिष्ट व्यक्ति के जौनपुर आगमन पर उसे भेंट स्वरूप यह मूली अवश्य प्रदान की जाती है क्योंकि यह मूली जौनपुर की शान है।यह बहुत अद्भुत विषय है कि एक सब्जी की विशेष प्रजाति के कारण जौनपुर का नाम आज हर कोई जानता है। कुछ लोगों ने एक्सपीरियंस के तौर पर इस नेवार प्रजाति की मूली को अन्य शहरों में उगाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली क्योंकि यह 7 फुट लंबी मूली का उगना जौनपुर की धरती का चमत्कार ही है जो आज सर चढ़कर बोल रहा है।