CAG रिपोर्ट में स्मार्ट सिटी मिशन पर सवाल, जताई घोटाले की आशंका
लखनऊ। स्मार्ट सिटी मिशन को लेकर CAG रिपोर्ट में सवाल उठे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 स्मार्ट सिटी को मिले रुपए का हिसाब नहीं दिया गया है। कुल 2100 करोड़ रूपए का हिसाब नहीं दिया गया है । CAG ने इनमें घोटाले की आशंका जताई है। आगरा को छोड़कर किसी ने सालाना रिपोर्ट नहीं दी है। सालाना रिपोर्ट न देने के मामले में कानपुर शीर्ष पर है। सालाना रिपोर्ट न देने के मामले में लखनऊ दूसरे नंबर है । इस सूची में तीसरे नंबर पर झांसी और अलीगढ़ मौजूद हैं।
स्मार्ट सिटी योजना 7 साल पहले शुरू हुई थी। 25 जून 2015 में केंद्र सरकार ने यह योजना शुरू की थी । देश के 100 शहरों में उत्तर प्रदेश की 11 सिटी शामिल हैं। प्रदेश के 8 में से 7 शहरों ने CAG को रिपोर्ट नहीं सौंपी हैं। रिपोर्ट में स्मार्ट सिटी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।