“हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है”
1981 की फिल्म ‘कालिया’ में अमिताभ बच्चन के एक संवाद, “हम जहां खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है” में जो एटीट्यूड या आत्मविश्वास दिखाई देता है वही एटीट्यूड या आत्मविश्वास 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर भारत के चंद्रयान 3 के लैंड होने के बाद बने एक कार्टून में दिखाई देता है।
हालांकि इसकी कहानी ज़रा और लंबी है। हुआ यूं कि 5 नवंबर 2013 को ISRO द्वारा भेजा गया भारत का पहला इंटर प्लैनेटरी मिशन, मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) यानी मंगलयान जब 24 सितंबर 2014 को सफ़लतापूर्वक मंगल ग्रह के कक्ष में प्रवेश कर गया तो इस उपलब्धि को पूरी दुनिया ने सराहा। कम बजट में भारत ने वो कर दिखाया जो कई देश ज़्यादा पैसे खर्च करने के बावजूद नहीं कर पाते।
लेकिन अमेरिका के प्रसिद्ध अख़बार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ को ये बर्दाश्त नहीं हुआ।’न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने 28 सितंबर 2014 को एक कार्टून छापा। इस कार्टून में कुछ सूट-बूट वाले लोग एक क्लब के अंदर बैठे हैं। इस कमरे पर लिखा था ‘Elite Space Club’. इस क्लब में दो सूटधारी लोग बैठे हैं। उनमें से एक व्यक्ति अखबार पढ़ रहा है, जिसकी हेडलाइन है, ‘इंडियाज़ मार्स मिशन’। एक दूसरा व्यक्ति क्लब के बाहर खड़ा है। इस व्यक्ति के कपड़े भारत के लोगों से मिलते-जुलते हैं, उस पर ‘इंडिया’ लिखा हुआ है। उस व्यक्ति के हाथ में गाय है और वो ‘Elite Space Club’ का दरवाज़ा खटखटा रहा है। इस कार्टून को न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए सिंगापोर के हेंग किम सॉन्ग (Heng Kim Song) ने बनाया था।
इस कहानी का एक दिलचस्प मोड़ 2017 में भी आया था जब ‘The Times of India’ के कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यू ने न्यूयॉर्क टाइम्स को उसी की भाषा में जवाब दिया था। 15 फरवरी 2017 को ISRO ने एक ही रॉकेट से ही 104 सैटेलाइट्स को एकसाथ लॉन्च करने का अद्भुत रिकॉर्ड बनाया था। इससे पहले 2014 में रूस ने एक रॉकेट से 37 सैटेलाइट लॉन्च किए थे।
इस कार्टून में 2014 के कार्टून वाला व्यक्ति अब गाय के साथ उस कमरे के अंदर है जिस पर ‘Elite Space Club’ लिखा हुआ है। वो दोनों सूटधारी व्यक्ति अपने सैटेलाइट्स को लॉन्च करवाने के लिए दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं। यह भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती शक्ति को दर्शाता है।
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफ़ल लैंडिंग के बाद कार्टूनिस्ट मनोज कुरील ने एक कार्टून बनाकर भारत के आत्मविश्वास को दर्शाने का प्रयास किया।
कार्टून में वही एलीट स्पेस क्लब वाला कमरा है, कमरे में कुछ सूटधारी व्यक्ति हैं और वह भारतीय वेशभूषा वाला व्यक्ति जिसपर ‘भारत’ लिखा हुआ है वह उस कमरे के दरवाज़े पर लात मारकर उसे खोल रहा है और कह रह है कि “स्वागत नहीं करोगे हमारा।”
चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन कर भारत ने यही संदेश दिया है कि, “हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है।”