संसद में सोनिया गांधी ने किया महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन, कुछ बिंदुओं पर जताई चिंता

बुधवार (20 सितंबर, 2023)संसद भवन में चल रहे विशेष सत्र में मोदी सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश किया। इस पर चर्चा के दौरान आज कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया है। ऐसा लगता है कि इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के अलावा इसे प्रमुख विपक्षी पार्टी का भी सहयोग मिल गया है।

सोनिया गाँधी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा, “अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने की इजाजत दी इसके लिए मैं आपकी आभारी हूँ। भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की तरफ से मैं ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023’ के समर्थन में खड़ी हूँ। धुएँ से भरी रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते हुए स्टेडियम तक, भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है। लेकिन, आखिरकार उसने मंजिल को छू दिया है। उसने जन्म दिया, उसने परिवार चलाया, उसने पुरुषों के बीच तेज़ दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए, लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा।”

फ़ोटो साभार- संसद टीवी

अपने भाषण में उन्होंने सुचेता कृपलानी, सरोजिनी नायडू, अरुणा असफ अली, विजय लक्ष्मी पंडित राजकुमारी अमृत कौर का नाम लेते हुए कहा कि लाखों महिलाओं ने कठिन समय में महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और और मौलाना अबुल कलम आज़ाद के सपनों को जमीन पर उतार कर दिखाया है। उन्होंने ये भी कहा कि इंदिरा गाँधी का व्यक्तित्व इस सिलसिले में एक बहुत ही रोशन और ज़िंदा मिसाल है।

सोनिया गाँधी ने कहा, “मेरी ज़िन्दगी का ये बहुत मार्मिक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी करने वाला संविधान संशोधन राजीव गाँधी जी ही लेकर आए थे। वो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। नरसिम्हा राव ने बाद में उसे पारित कराया। देश भर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता है। राजीव गाँधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है।”

इस दौरान सोनिया गाँधी ने सवाल भी पूछा। उन्होंने प्रश्न किया कि पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियाँ अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर ही हैं और उन्हें कुछ वर्ष और इंतजार करने के लिए क्यों कहा जा रहा है? उन्होंने पूछा कितने वर्ष? 2 वर्ष, 4 वर्ष, 6 वर्ष, 8 वर्ष? उन्होंने पूछा कि क्या भारत की स्त्रियों के साथ ये बर्ताव उचित है? उन्होंने कॉन्ग्रेस की तरफ से माँग की कि ये जातिगत जनगणना करा कर SC, ST और OBC महिलाओं की संख्या गिनी जाए। उन्होंने माँग की कि इस बिल को कानून बना कर जल्दी से जल्दी लागू किया जाए।

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