आज मनाई जा रही है आषाढ़ अमावस्या, इस तरह करें पितरों को प्रसन्न

हर महीने में आने वाली अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। यह तिथि स्नान, दान, जप, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म करने के लिए उत्तम मानी गई है। ऐसा करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही इस तिथि पर शिव जी की पूजा-अर्चना करने का भी खास महत्व है।

धार्मिक दृष्टि से अमावस्या तिथि आध्यात्मिक शुद्धि और पुण्य अर्जन के लिए काफी शुभ है। इस बार आषाढ़ माह की अमावस्या 25 जून को मनाई जा रही है। ऐसे में आप इस दिन ये खास कार्य करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।

जरूर करें ये काम
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ का पूजा करें और सात बार इसकी परिक्रमा करें। पीपल के नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक भी जरूर जलाएं।

मिलेगी पितरों की कृपा
पितरों की प्राप्ति के लिए आप अमावस्या के दिन पितृ चालीसा का पाठ कर भी कर सकते हैं। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न (Pitron ko kaise Khush kare) होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं। इसके अलावा आप अमावस्या तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा भी दें सकते हैं। यह भी पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम उपाय है। इस दिन गरीब और जरूरतमंदों में काले तिल, दही, दूध, वस्त्र, फल और अन्न आदि का दान करना भी काफी शुभ माना गया है

करें इन मंत्रों का जप
अमावस्या के दिन मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आप इस दिन पर शिव जी के मंत्रो का जप कर सकते हैं। इससे आपको महादेव की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
शिव गायत्री मंत्र – ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
महामृत्युमजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

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