पांच महीने में 60 लाख यात्रियों ने यूपी से किया हवाई सफर

प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी और यात्री संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के बीच पांच महीने में प्रदेश के हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 14.6% बढ़कर 60.02 लाख हो गई। वहीं इस अवधि में भारत के कुल हवाई यातायात में राज्य की हिस्सेदारी 3.52% तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34 बेसिस पॉइंट्स अधिक है। यानी अब देश के हर 30 में से एक हवाई यात्री उत्तर प्रदेश से यात्रा कर रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरु होने के बाद इस रफ्तार में और वृद्धि होगी।

साल 2016-17 में जहां उत्तर प्रदेश के हवाई अड्डों से 59.97 लाख यात्री यात्रा करते थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1.42 करोड़ से ज्यादा हो गई। इनमें 1.29 करोड़ घरेलू और 12.99 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री थे। इस दौरान राज्य का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) 10.1% रहा, जो एविएशन सेक्टर में तेजी से बढ़ती मांग को दर्शाता है।

कोविड महामारी के दौरान 2020-21 में यात्री संख्या 48.35 लाख तक गिर गई थी, लेकिन यूपी ने सबसे तेज रिकवरी दिखाई। महज दो वर्षों में यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई। 2023-24 की तुलना में 2024-25 में हवाई यात्रियों की संख्या में 25.9 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। जबकि 2023-24 और 2024-25 में अप्रैल-अगस्त माह के बीच तुलना करें तो यह ग्रोथ 14.6 फीसदी रही।

अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी बने स्टार परफॉर्मर
राज्य के कई शहरों ने इस ग्रोथ में अहम योगदान दिया है। 2023-24 से 2024-25 के बीच वाराणसी में 34.4%, प्रयागराज में 76.4%, गोरखपुर में 27.6% और कानपुर में 13.3% की वृद्धि दर्ज की गई। यह दर्शाता है कि धार्मिक पर्यटन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी ने यात्री संख्या को तेजी से बढ़ाया है। खासतौर पर अयोध्या एयरपोर्ट, जिसे मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि के नाम पर समर्पित किया था, अब उत्तर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते टर्मिनल्स में शामिल है। 2023-24 में जहां 2 लाख से ज्यादा यात्रियों ने यहां से हवाई उड़ान भरी थी तो वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 11 लाख से अधिक पहुंच गया।

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