नेपाल से लगती भारतीय सीमा एक बार फिर सुरक्षा कारणों से संवेदनशील हुई है। यहां बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर के बाद अब गोंडा में भी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नेपालियों को भारतीय नागरिक बनाने का खेल सामने आया है। गिरोह के तार महराजगंज, सिद्धार्थनगर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बलरामपुर से भी जुड़े हैं।
एसटीएफ ने शुक्रवार को जिन पांच जालसाजों को पकड़ा है उन्होंने नागरिकता का पूरा पैकेज तैयार किया था, जिसमें 20 से 25 हजार रुपये में निवास व जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही आधार कार्ड और पैनकार्ड भी बनाकर देते थे। इन दस्तावेज की मदद से भारतीय क्षेत्र में जमीन खरीदने से लेकर बैंक खाते भी खुलवाए गए हैं। बीते दिनों नेपाल से लगते प्रदेश के सात जिलों के सीमावर्ती तहसीलों में हुई कुछ रजिस्ट्री में भी इन प्रमाणपत्रों का उपयोग किया गया है।
नेपाल बॉर्डर पर काम कर चुके आईबी अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि बीते माह बहराइच जिले के नेपाल से लगती नानापारा, श्रावस्ती की भिनगा, बलरामपुर की उतरौला और तुलसीपुर के साथ ही सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज, महराजगंज की नौतनवा और निचलौल, लखमीपुर खीरी की पलिया कलां व गोला गोकर्णनाथ तहसील की जांच में भी ऐसे ही फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नेपाली नागरिकों के संपत्ति खरीदने का मामला सामने आ चुका है।
उन्होंने बताया कि श्रावस्ती के एक मामले में तो मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। इस बीच शुक्रवार को सामने आए पांच जालसाजों ने फिर बॉर्डर की सुरक्षा व्यवस्था को संवेदनशील बनाया है। इस मामले में बहराइच और महराजगंज जिला बेहद संवेदनशील हैं।
एसटीएफ ने इनको किया है गिरफ्तार
एसटीएफ ने हरदोई के अहिरौली में ग्राम पंचायत अधिकारी लाल बिहारी पाल निवासी सुभाष नगर भोलाखेड़ा लखनऊ, गोंडा निवासी रवि वर्मा,सोनू वर्मा, बंशराज वर्मा व सत्यरोहन वर्मा। इनमें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का मास्टरमाइंड गोंडा निवासी रवि पहले भी जेल जा चुका है।
बन रहे हैं प्रमाण पत्र
फर्जी वेबसाइट, साॅफ्टवेयर एवं पोर्टल के माध्यम से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बना रहे थे। फर्जी प्रमाणपत्रों का फर्जी बैनामा व वसीयत में लगा रहे थे। पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है। जांच का दायरा सीमावर्ती अन्य जिलों तक भी बढ़ाया गया है।


