शनिदेव अनुशासन, कर्मफल, जिम्मेदारी और जीवन की संरचना के कारक माने जाते हैं। वक्री अवस्था में जहां कई मामले धीमे पड़ जाते हैं, वहीं मार्गी अवस्था नई स्पष्टता और स्थिरता लेकर आती है। मीन राशि का प्रभाव शनिदेव की कठोर ऊर्जा में भावनात्मक समझ और आध्यात्मिक गहराई जोड़ देता है। इस कारण भावनात्मक अनुशासन, समझदारी और कर्म सुधार जैसे विषय प्रमुख हो जाते हैं।
मेष
मेष राशि वालों के लिए मीन राशि में शनिदेव का मार्गी होना बारहवें भाव (व्यय और मोक्ष का क्षेत्र) को सक्रिय करता है। यह स्थिति आत्ममंथन और आध्यात्मिक प्रगति की ओर प्रेरित कर सकती है। बीते समय से जुड़े भावनात्मक बोझ को हल्का करने और पुराने अध्यायों को पूरा करने का भाव मजबूत हो सकता है।
बारहवें भाव से शनिदेव का गोचर षष्ठ भाव (सेवा, स्वास्थ्य और शत्रु) पर दृष्टि डालता है। यह स्वास्थ्य में सुधार, रोजमर्रा की दिनचर्या को मजबूत करने और चुनौतियों पर विजय पाने का संकेत देता है। इस समय धैर्य और अनुशासन ही स्थिरता की कुंजी रहेंगे।
उपाय –
- प्रतिदिन “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
- शनिवार के दिन काले तिल का दान करें।
वृषभ
वृषभ राशि के लिए शनिदेव का यह गोचर ग्यारहवें भाव (लाभ और मित्र मंडल) को सक्रिय करता है। यह समय आपके सोशल सर्कल, नेटवर्किंग और आर्थिक लाभ में स्पष्टता लेकर आ सकता है। रुके हुए लक्ष्य अब गति पकड़ सकते हैं।
दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करने और अपने सपनों को आकार देने के लिए यह उत्तम समय कहा जाएगा। ग्यारहवें भाव में स्थित शनिदेव पंचम भाव (बुद्धि, प्रेम और संतान) पर दृष्टि डालते हैं। शिक्षा, प्रेम और रचनात्मक परियोजनाओं में धैर्य से आगे बढ़ना होगा। मेहनत और अनुशासन धीरे-धीरे अच्छे परिणाम देंगे।
उपाय –
- शनिवार के दिन काली गाय को भोजन खिलाएं।
- शनि मंदिर में सरसों का तेल अर्पित करें।
मिथुन
मिथुन राशि वालों के लिए मीन राशि में शनिदेव का मार्गी होना दशम भाव (कर्म और प्रतिष्ठा) को प्रभावित करता है। यह समय करियर को मजबूत करने, जिम्मेदारियों को समझने और प्रोफेशनल लाइफ में नेतृत्व दिखाने का संकेत देता है। कड़ी मेहनत और अनुशासन से सफलता मिलने के योग बनते हैं।
शनिदेव की दृष्टि चतुर्थ भाव (घर-परिवार और भावनाएं) पर रहने से काम और घर के बीच संतुलन बनाने की जरूरत बढ़ सकती है। परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, लेकिन इससे आगे चलकर स्थिरता ही बढ़ेगी।
उपाय –
- घर में अनावश्यक विवाद से बचें।
- शनिवार के दिन तिल के तेल का दीपक जलाएं।



