भारत में पिछले साल 8 में से 1 व्यक्ति की मौत प्रदूषण के कारण हुई
आज सियासी ख़बरों का माहौल है। चाहे राजनैतिक दल हों या आम इंसान, हर कोई ये जानना चाहता है कि देश के 5 राज्यों में किस पार्टी की सरकार बनेगी. लेकिन चुनावी आंकड़ों के शोर में आज आपके स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ी…एक बहुत बड़ी ख़बर पीछे छूट गई है.
आज आपको ये जानकर झटका लगेगा कि भारत में पिछले साल हर 8 में से 1 व्यक्ति की मौत, प्रदूषण की वजह से हुई. प्रदूषण पर Indian Council of Medical Research ने एक रिपोर्ट तैयार की है और इस रिपोर्ट को दुनिया के लोकप्रिय Medical Journal, The Lancet में प्रकाशित किया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में वायु प्रदूषण की वजह से भारत में 12 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
इनमें सबसे बुरी हालत उत्तर प्रदेश की हैं. जहां प्रदूषण की वजह से ढाई लाख से ज़्यादा लोग मारे गये. इसके अलावा महाराष्ट्र में 1 लाख 8 हज़ार, बिहार में 96 हज़ार, राजस्थान में 90 हज़ार, मध्य प्रदेश में 83 हज़ार, गुजरात में 58 हज़ार, छत्तीसगढ़ में 29 हज़ार और दिल्ली में 12 हज़ार लोग मारे गये हैं. दिल्ली में मारे गये लोगों की संख्या आपको कम लग रही होगी लेकिन आने वाले समय में दिल्ली की हालत बहुत बुरी हो जाएगी. क्योंकि दिल्ली में सामान्य से 5 गुना ज़्यादा प्रदूषण है। इसकी वजह से दिल्ली वालों की उम्र, 18 महीने कम हो गई है.
बढ़ते प्रदूषण की वजह से भारत के लोगों की औसत उम्र 19 महीने ((1.7 वर्ष)) कम हो रही है, जबकि कई राज्य ऐसे है जहां लोगों की औसत उम्र में ढाई साल तक की कमी आई है. दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी भारत में रहती हैं.. लेकिन दुनिया में वायु प्रदूषण से बीमार होने वाले 26 प्रतिशत लोग भारत में हैं.
बहुत से लोग ये भी सोच रहे होंगे कि आज का दिन राजनीतिक और चुनावी ख़बरों का दिन है.. ऐसे में इस ख़बर का महत्व कम है. लेकिन ये सोच बहुत महंगी पड़ सकती है. आपने ये तो देख लिया कि Exit Polls में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं. लेकिन आज आपको ये भी याद रखना चाहिए कि इन तीन राज्यों में वायु प्रदूषण की वजह से करीब 2 लाख लोग मर चुके हैं.
इस रिसर्च का एक तथ्य ये भी है कि 12 लाख में से करीब 4 लाख 81 हज़ार लोगों की मौत, Indoor Pollution यानी घर के अंदर मौजूद प्रदूषण की वजह से हुई है. यानी प्रदूषण घर के बाहर ही नहीं… बल्कि अंदर भी मौजूद है.
हैरानी की बात ये है कि देश में प्रदूषण से इतना बड़ा नरसंहार हो रहा है लेकिन किसी को कोई फर्क़ नहीं पड़ता. आज हर तरफ 5 राज्यों की राजनीति और 2019 के लोकसभा चुनाव की चर्चा तो हो रही है. लेकिन प्रदूषण का मुद्दा आज भी भारत की प्राथमिकताओं में बहुत नीचे है.