विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन में आज आ सकता है फैसला, लेकिन जल्द वापसी के नहीं आसार
1993 में भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत के बाद कई लोगों को भारत ने सौंपने की मांग की। इनमें नदीम सैफी (गुलशान कुमार केस के आरोपी हत्यारे), रवि शंकरन (नेवी वॉर रूप ली), टाइगर हनीफ (1993 गुजरात विस्फोट), लेकिन इनमें से किसी को भी इतने करीब से फॉलो नहीं किया गया।
सोमवार का फैसला नई दिल्ली की उम्मीद के मुताबिक हो सकता है या फिर नहीं भी हो सकता है, लेकिन अगर जज एम्मा अर्बुथनोट ये आदेश देते हैं कि उनके प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है या और गृह सचिव को इसकी सिफारिश करते हैं तो माल्या के पास उस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करने का मौका होगा। इसके अलावा, वे यूरोपियन कोर्ट की ओर भी रुख कर सकते हैं, जो मानवीय अधिकार के प्रति ज्यादा उदार माना जाता है। प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला गृह सचिव का होगा।
ठप खड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है। पिछले साल अप्रैल से प्रत्यर्पण वॉरंट के बाद से माल्या जमानत पर हैं।
माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। हालांकि, माल्या ने ट्वीट कर कहा, ”मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया। कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया। कारोबारी विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है। गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए।
माल्या ने कहा कि मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटने की पेशकश की है। इसे स्वीकार किया जाए। माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था।
सीबीआई की टीम लंदन रवाना
सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक अहम सुनवाई में शामिल होने के लिए रविवार को लंदन रवाना हुई। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक अहम सुनवाई में शामिल होने के लिए रविवार को लंदन रवाना हुई। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारतीय जांच एजेंसियां माल्या को प्रत्यर्पित करा स्वदेश वापस लाने की कोशिश कर रही है। मामले की सुनवाई सोमवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत करेगी। मनोहर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की जगह लेंगे, जो अब तक सुनवाई में शामिल हो रहे थे। सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विवाद होने के बाद अस्थाना को सभी अधिकारों से वंचित कर दिया तथा उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था।
सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारी भी सीबीआई अधिकारी के साथ हैं। मनोहर इससे पहले अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआईटी का हिस्सा थे।
माल्या धन शोधन और ऋण की रकम दूसरे मद में खर्च करने के अलावा 9,000 करोड़ रूपये के ऋण की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहा है। वह लंदन में स्वनिर्वासन में रह रहा है। माल्या अपने खिलाफ सीबीआई के लुकआउट नोटिस को कमजोर किए जाने का फायदा उठाते हुए मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था।
गौरतलब है कि हाल ही में माल्या ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था, ”मैंने एक रूपया भी उधार नहीं लिया। रिण किंगफिशर एयरलाइन ने लिया था। कारोबार के वास्तव में और दुखद रूप से नाकाम होने पर यह धन डूबा। गारंटर होना धोखाधड़ी नहीं है।