छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की आज होने वाली मतगणना को लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मतगणना सभी 27 जिला मुख्यालयों पर बनाए गए मतगणना केन्द्रों में सुबह आठ बजे से शुरू होगी। राज्य में रमन सिंह ने नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर दिख रही है।
राज्य के मुख्य निवार्चन अधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर मतगणना के लिए 5184 गणनाकर्मी एवं 1500 माईकोआब्जर्वर नियुक्त किए गए है। प्रत्येक हाल में मतगणना के लिए 14 टेबल लगाए गए है। उन्होंने बताया कि मतगणना केन्द्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और वहां बगैर पहचान पत्र के किसी को प्रवेश की अनुमति नही देने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले डाक मत पत्रों की गणना की जायेंगी, उसके आधे घंटे बाद ईवीएम मशीनों मे दर्ज मतों की गणना शुरू होगी। ईवीएम में दर्ज वोटो की गिनती का अन्तिम दौर तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक कि डाक पत्र की गणना सभी मामलों में पूरी नहीं हो जाती।
मोबाइल पर प्रतिबंध
सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक चरण में 14 टेबलों पर मतगणना होगी। सबसे अधिक 30 चरण में मतगणना कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में होगी, सबसे कम 11 चरणों में मतगणना मनेन्द्रगढ़ में होगी। मतगणना स्थल पर मोबाइल ले जाने पर प्रतिबन्ध रहेगा। मीडिया को भी इसकी अनुमति नहीं दी जायेगी। हालांकि पत्रकार मतगणना केन्द्रों पर स्थापित लैन्ड लाईन फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। मतगणना केन्द्रों के 100 मीटर के दायरे में वाई-फाई पर भी रोक रहेंगी।
छत्तीसगढ़ में 90 सीटों के लिए दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान कराया गया था। जिसमें राज्य के 76.60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विक्रम उसेंडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद ताम्रध्वज साहू, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी समेत 1079 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा का यह चौथा चुनाव है। इससे पहले तीन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल कर पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है। वहीं कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही मुकाबला होता आया है लेकिन इस बार के चुनाव में अजीत जोगी की पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। कुछ सीटों में उनकी पार्टी का दखल होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर कई समाचार चैनलों ने एग्जिट पोल कराया था। एग्जिट पोल के नतीजे मिले जुले रहे और लगभग सभी ने यहां कांटे की टक्कर की बात कही है। कुल 7 सर्वे में से तीन में बीजेपी तो चार में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। एग्जिट पोल्स के आंकड़ों के मुताबिक, संभावना है कि इस बार बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाए और कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में वापसी कर ले।
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स के सर्वे में बीजेपी को बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं सी-वोटर सर्वे में कांग्रेस को 40 से 50 सीटें मिलने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जेसीसी) के मुखिया अजीत जोगी किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। जोगी की पार्टी जेसीसी ने बसपा से साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। सभी एग्जिट पोल में जेसीसी-बीएसपी गठबंधन को 5 से ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। हालांकि एक्सिस-इंडिया टुडे कांग्रेस को और एबीपी-सीएसडीएस बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिया है।
राज्य के 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। राज्य में इन आरक्षित सीटों पर बड़ी जीत के माध्यम से ही सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाई थी। वहीं कांग्रेस को 39 सीटों पर, बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। जबकि एक सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार की जीत हुई थी।