उरई में दरोगा ने जीआरपी बैरक में खुद को गोली से उड़ाया

जीआरपी के दरोगा ने सोमवार को देर रात बैरक में सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मार ली। उसे उपचार के लिए नाजुक हालत में पहले कानपुर फिर लखनऊ ले जाया गया है। जहां उसने दम तोड़ दिया। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जीआरपी के पुलिस अधीक्षक को घटना की वजह पारिवारिक बताई है ।


रेलवे पुलिस के स्थानीय थाने में तैनात औरैया निवासी उप निरीक्षक मोहित दुबे (28) ने देर रात बैरक के अंदर सर्विस रिवाल्वर से अपने को गोली मार ली। उसने इतनी सफाई से गोली मारी कि बगल में सो रहे सिपाही को भी पता नहीं चला। इसी बीच पुष्पक एक्सप्रेस के कालपी पहुंचने पर ट्रेन की चेकिंग के लिए जीआर पी थानाध्यक्ष बृजमोहन सैनी मुस्तैद हुए तो उन्होने कहा कि मोहित को भी बुलवा लो। उनके आदेश पर सिपाही पवन शिवहरे मोहित को लेने जैसे ही बैरक में पहुंचा वहां खून से लथपथ पड़े दरोगा को देख कर उसके होश उड़ गए। थानाध्यक्ष बृजमोहन सैनी फौरन मोहित को जिला अस्पताल की इमर्जेंसी में ले आए। बाद में झांसी से जीआरपी के पुलिस अधीक्षक प्रताप नारायण मिश्रा ने जिला अस्पताल पहुंच कर उसके बयान दर्ज किए। मोहित ने बताया कि वह पारिवारिक कारणों से परेशान था जिसके चलते यह कदम उठा बैठाया। उसे देखने वाले डाक्टर ने बताया कि उसने शराब भी पी रखी थी।

जनपद के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी भी शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रुद्र कुमार सिंह के साथ अस्पताल में घायल दरोगा को देखने पहुंचे। हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया था जिसके बाद पहले उसे कानपुर ले जाया गया,बाद में लखनऊ लै जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

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