मरीजों से महंगा सामान मंगाया, खर्च अपने बिल में दिखाया
केजीएमयू के लारी कॉर्डियोलॉजी सेंटर में दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी के नाम पर 1.32 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। यह गड़बड़ी मेडिकल यूनिवर्सिटी की वेलफेयर सोसाइटी ने की है। यह सोसाइटी अपने मेडिकल स्टोर से मरीजों को सस्ता सामान उपलब्ध कराती है। सारा खेल वर्ष 2013-14 व 2014-15 में किया गया
ऐसे पकड़ में आया घोटाला
स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की ओर से ऑडिट में इस गड़बड़ी पर आपत्ति की गई। इसकी शिकायत भी शासन से की जा चुकी है। इसके बाद केजीएमयू के वित्त अधिकारी मोहम्मद जमा की ओर से बीते पांच दिसंबर को जानकारी मांगी गई। उनके पास जो जानकारी आई, उसमें कई अनियमितताए पाई गई हैं।
मोहम्मद जमा ने बताया कि लारी कॉर्डियोलॉजी में केजीएमयू की वेलफेयर सोसाइटी की ओर से एंजियोग्राफी में काम आने वाली वस्तुएं जैसे रेडियल आर्टरी कैथेटर, सीरिंज, टाइगर कैथेटर और डाई आदि मरीजों को सस्ती दर पर उपलब्ध करवाई जाती हैं। इन्हीं वस्तुओं के नाम पर घोटाला किया गया। मरीजों ने खुद महंगे दाम पर सामान बाहर से खरीदा और वेलफेयर सोसाइटी ने अपने खर्चे में इस बिल को दिखा दिया। ऑडिट में इन बिलों पर केजीएमयू की जगह मरीज का नाम दर्ज मिला।
क्या कहते हैं अधिकारी
केजीएमयू के वित्त अधिकारी मोहम्मद जमा का कहना है कि लारी कार्डियोलॉजी सेंटर में केजीएमयू की वेलफेयर सोसाइटी की ओर से एंजियोग्राफी में काम आने वाली वस्तुएं सस्ती दर पर उपलब्ध करवाई जाती हैं। इसके उलट मरीजों को खुद महंगे दाम पर सामान बाहर से खरीदना पड़ा और वेलफेयर सोसाइटी ने अपने खर्चे में इस बिल को दिखा दिया।
बिना इजाजत की गई खरीद-फरोख्त
इन सामान की खरीद-फरोख्त के लिए न तो कार्यपरिषद और न ही सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई। उपभोग सामग्री की आपूर्ति का आदेश भी खरीद प्रक्रिया में नहीं लगाया गया। अब स्टॉक बुक में प्रविष्टि व उपभोग, उपभोग के प्रमाण पत्र, वेलफेयर सोसाइटी के लेजर सेल्स रजिस्टर, कैशबुक और स्टॉक बुक का परीक्षण कर उसका सत्यापन करवाया जाएगा। इस खुलासे के बाद केजीएमयू में खलबली मच गई है।