आईएसआईएस मॉड्यूल के पकड़े गए संदिग्‍धों की कोर्ट में पेशी आज,

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट (आईएसआईएस) से प्रभावित एक आतंकवादी समूह का पर्दाफाश किया है. साथ ही इसमें शामिल 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. एजेंसी का दावा है कि ये लोग दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में नेताओं और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और सिलसिलेवार विस्फोट करने की योजना बना रहे थे. इनके संबंध में चौंकाने वाली बात भी सामने आई है. इस आतंकी समूह में शामिल संदिग्‍ध मौलवी से लेकर छात्र तक शामिल हैं. इन सभी को आज दिल्‍‍‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस दौरान जांच एजेंसी कोर्ट से इन लोगों की 2 हफ्ते की रिमांड मांग सकती है.

जांच एजेंसी एनआईए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने बताया कि छापेमारी के दौरान देसी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट के सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं. उन्होंने बताया, ‘‘हमारे द्वारा बरामद 112 अलार्म घड़ियों से स्पष्ट है कि वह सिर्फ एक नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बम बनाने की योजना बना रहे थे.’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के विशेष सेल और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह जगहों पर जबकि उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो जगहों पर छापेमारी की गई.

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित मास्टर माइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल भी शामिल है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है. वह एक मस्जिद का मौलवी भी है. इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं.

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले ये छापेमारियां की गई हैं जिसमें अमरोहा के एक मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया है. मित्तल ने कहा, ‘‘सदस्य तैयारियों के अंतिम चरण के करीब थे. वे लोग बम बनाने में सफलता मिलने का इंतजार कर रहे थे और रिमोट नियंत्रित आईईडी और पाइप बम के जरिए विभिन्न जगहों पर विस्फोट करना चाहते थे. जरूरत पड़ने पर आत्मघाती जैकेटों का प्रयोग कर फिदायीन हमले भी करना चाहते थे.’’

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ समूह के 16 लोगों को हिरासत में लिया. इसका सामान्य अनुवाद ‘इस्लाम के हितों के लिए लड़ाई करना है.’ मित्तल ने कहा कि हिरासत में लिए गए 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से पांच अमरोहा से जबकि पांच दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद से गिरफ्तार किए गए हैं. छह अन्य से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं.

उन्होंने कहा कि 20 से 35 वर्ष के बीच के युवाओं के एक ‘‘बेहद चरमपंथी संगठन’’ के सदस्यों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक सामने नहीं आया है और यह अपना वित्त पोषण स्वयं कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसकी पुष्टि हो गई है कि मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत और उसके सहयोगियों ने धन एकत्र किया, हथियार खरीदे, और आईईडी तथा बम बनाने के लिए सामग्री खरीदी. उनकी योजना दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विस्फोट और फिदायीन हमले करने की थी.’’

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