रांची के रिम्स में भर्ती सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के पास शनिवार को विपक्ष का सियासी जमावड़ा हो रहा है
रांची के रिम्स (अस्पताल) में आज बिहार के विपक्षी महागठबंधन की सियासी डील फाइनल होने के संकेत मिले हैं। चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव रिम्स में इलाज के सिलसिले में भर्ती हैं। लालू से शनिवार को उनके बेटे तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सु्प्रीमो उपेंद्र कुशवाहा तथा निषाद संघ के मुकेश सहनी मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद सबसे उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी निकले। इसके बाद रिम्स से तेजस्वी बाहर निकले।
तेजस्वी रिम्स में लगभग ढाई घंटे तक रहे, जबकि कुशवाहा और मुकेश सहनी लगभग घंटा भर वहां रहे। कुशवाहा ने सीट शेयरिंग की स्ट्रेटजी बन जाने के संकेत भी दिए। माना जा रहा है विपक्षी नेताओं की लालू से इस मुलाकात में महागठबंधन की सियासत को ले बड़ा फैसला लिया गया है।
कुशवाहा बोले: सीटों पर हुई बात, अभी नहीं करेंगे खुलासा
लालू से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने राजद सुप्रीमो के स्वास्थ्य का हाल जाना। वे ठीक हैं। साथ ही कुछ सियासी बातचीत थी हुई। कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन के घटक दल एकजुटता से लड़ेंगे। एक-एक सीट की स्ट्रेटजी बन चुकी है। अभी सभी दलों के प्रतिनिधि नहीं हैं, इसलिए इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। जब सभी दलों के साथी एक साथ रहेंगे तो इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
मुकेश का दावा: बिहार में राजग को 10 सीटें भी नहीं मिलेंगी
मुकेश सहनी ने भी उपेंद्र कुशवाहा की बात दुहराते हुए कहा कि बिहार में राजग को 10 सीटें भी नहीं मिलेंगी। मुकेश के अनुसार उनके राजग छोड़ने की मूल वजह भाजपा की गंदी राजनीति रही। बिहार में निषादों को आरक्षण नहीं दिया गया। उनके अनुसार महागठबंधन के मजबूत होने से बिहार में राजग के 18 फीसद वोट घटे हैं।
महागठबंधन में बढ़ा सीट शेयरिंग का दबाव
माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने के बाद महागठबंधन में भी इसके लिए दबाव बढ़ गया है। लालू प्रसाद यादव ने ‘खरमास’ बाद सीट शेयरिंग फाइनल करने की बात कह ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपनाई है, लेकिन दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। बीते दिनों हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने राजग को ‘नागनाथ’ तो महागठबंधन को ‘सांपनाथ’ की संज्ञा देकर असंतोष जाहिर कर दिया है। ऐसे में कोई फैसला जरूरी लग रहा है।
महागठबंधन की कुंडली मिलाने में जुटे घटक दल
बिहार में महागठबंधन के घटक दलों की सूची बढ़कर 11 हो चुकी है। एक-दो दावेदार अभी भी बाहर हैं। सबकी कुंडली मिलाने की कोशिश हो रही है। माना जा रहा है कि सीटों को लेकर सभी दलों के दावे तैयार हैं। इसे लेकर आज की बातचीत अहम मानी जा रही है।
लालू लेंगे बड़ा फैसला
माना जा रहा है कि महागठबंधन में राजद व कांग्रेस अधिकांश सीटों पर लड़ेंगे। इधर, रालोसपा को चार-पांच तो ‘हम’ को तीन सीटें चाहिए। निषाद संघ के नेता मुकेश सहनी को भी एडजस्ट करना है। शरद यादव की पार्टी भी है। दरअसल, बिहार में महागठबंधन की छतरी तले इकट्ठा छोटे-बड़े दलों को साथ लेकर चलना बड़ी बात है। यह काबिलियत लालू प्रसाद यादव के अलावा किसी अन्य में नहीं दिख रही। महागठबंधन में बिग बॉस की भूमिका निभा रहे लालू ही इसपर बड़ा फैसला लेंगे।
अनंत सिंह का मुद्दा भी हो सकता फाइनल!
महागठबंधन में निर्दलीय विधायक अनंत सिंह को शामिल करने को लेकर भी मदभेद दिख रहा है। खुद लालू के दोनों बेटे इस पर अलग राय रखते हैं। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा है कि अनंत सिंह अगर राजद या महागठबंधन में आना चाहें तो उनका स्वागत है। दूसरी ओर लालू के छोटे बेटे तेजस्वी ने अनंत सिंह को ‘बैड एलिमेंट’ बताते हुए उनकी नो एंट्री की बात कह डाली। महागठबंधन में शामिल रालोसपा के नागमणि ने कहा कि अनंत सिंह को महागठबंधन में जगह दी जानी चाहिए। आज रांची में लालू इस मुद्दे पर भी फैसला ले सकते हैं।