इस गांव में हर 41 साल में लोगों से मिलने आते हैं हनुमान जी
भगवान हनुमान की जाति को लेकर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएं हो रही हैं. ना जाने कितने ही नेता अपनी-अपनी मर्जी से भगवान हनुमान के बारे में कुछ भी बता रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि भगवान हनुमान जी आज भी हिमालय के जंगलों में रहते हैं हालाँकि अब तक उनकी मौजूदगी के प्रमाण नहीं मिल पाए हैं. वैसे इस समय सोशल मीडिया पर हनुमान जी से जुड़ी एक जानकारी वायरल हो रही है जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं.
सूत्रों की माने तो श्रीलंका के जंगलों में ‘मातंग’ नाम की एक जनजाती निवास करती है और इन कबीलाई लोगों का ये कहना है कि आज भी उनसे मिलने हनुमान जी आते हैं. जी हाँ… इन जनजातियों पर अध्ययन करने वाले आध्यात्मिक संगठन ‘सेतु’ के हवाले से इस सनसनीखेज खोज का खुलासा किया है. इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि हनुमान जी इस जनजाति के लोगों से साल 2014 में मिलने आए थे और अब फिर से वो 41 साल बाद आएंगे. इस हिसाब से साल 2055 में बजरंगबली अपने भक्तों से मिलने फिर से यहां आएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘मातंग’ एक ऐसी जनजाति है जो श्रीलंका के अन्य कबीलों से बिल्कुल अलग है और इस जानकारी की संख्या भी बहुत कम है. ये तो हर कोई जानता ही हैं कि हनुमान जी को वरदान मिला था कि उनकी मृत्यु कभी भी नहीं होगी लेकिन पुराणों में ये बताया गया है कि भगवान राम के स्वर्ग गमन के बाद हनुमान जी अयोध्या से दक्षिण भारत के जंगलों में चले गए थे. वहां जाने के लिए हनुमान जी समंदर को दोबारा लांघकर वो श्रीलंका पहुंचे थे. इस दौरान वो जब तक वहां ठहरे तब तक ‘मातंग’ कबीले के लोगों ने उनकी खूब सेवा की थी और अब इसी सेवा के बदले हनुमान जी ने इस कबीले के लोगों से यह वादा किया कि वे हर 41 साल बाद उनसे मिलने जरूर आएंगे.